Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Jan, 2018 09:41 AM
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की डिवीजन बैंच ने दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए ग्रामीण एवं पंचायत विकास विभाग, पंजाब के पिं्रसीपल सैक्रेटरी को सरपंचों को जुलाई, 2013 से मानदेय की पात्रता संबंधी कानूनी नोटिस पर निर्णय लेने व स्पीकिंग ऑर्डर जारी...
चंडीगढ़(बृजेन्द्र): पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की डिवीजन बैंच ने दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए ग्रामीण एवं पंचायत विकास विभाग, पंजाब के पिं्रसीपल सैक्रेटरी को सरपंचों को जुलाई, 2013 से मानदेय की पात्रता संबंधी कानूनी नोटिस पर निर्णय लेने व स्पीकिंग ऑर्डर जारी करने के आदेश दिए हैं। होशियारपुर के परविंद्र सिंह की इस याचिका का निपटारा करते हुए हाईकोर्ट ने ये आदेश जारी किए हैं।
याचिका में मांग की गई थी कि पंजाब सरकार को आदेश जारी किए जाएं कि सरपंचों को 1200 रुपए प्रति माह के हिसाब से जुलाई, 2013 से मानदेय जारी करें। याचिका के मुताबिक पंजाब में कई सरपंच एस.सी. कैटागरी से संबंध रखते हैं और बिना मानदेय पाए वे अपने कार्यों का निर्वहन नहीं कर पाते।
याची के मुताबिक उन्होंने पंजाब सरकार को 15 जनवरी, 2016 को कानूनी नोटिस भेजा था जिसके जवाब में विभाग के ज्वाइंट डायरैक्टर ने याची को बताया कि होशियारपुर जिले में सरपंचों के लिए वर्ष 2013-16 के लिए 5.90 लाख रुपए स्वीकृत किए गए थे।
हालांकि यह रकम सरपंचों को नहीं मिली और रकम का अन्य कामों में इस्तेमाल किया गया जिसे लेकर याची ने प्रतिवादी पक्ष को जुलाई, 2017 में एक और डिमांड नोटिस भेजा। इसका कोई जवाब नहीं आया और न ही मानदेय के रूप में सरपंचों को रकम जारी हुई जिसे लेकर दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने पिं्रसीपल सैक्रेटरी को ये निर्देश जारी किए हैं।