Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Feb, 2018 07:03 PM
बसपा के पूर्व प्रदेश प्रधान भगवान सिंह चौहान के बाद अब शनिवार को बसपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व प्रदेश प्रधान रहे गुरलाल सैला ने भी बसपा को छोडऩे की घोषणा कर सभी को चौंका दिया है। ....
होशियारपुर(अमरेन्द्र): बसपा के पूर्व प्रदेश प्रधान भगवान सिंह चौहान के बाद अब शनिवार को बसपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व प्रदेश प्रधान रहे गुरलाल सैला ने भी बसपा को छोडऩे की घोषणा कर सभी को चौंका दिया है।
शनिवार को प्रेस के नाम जारी बयान में गुरलाल सैला ने कहा कि बसपा सुप्रिमो द्वारा बहुजन समाज विरोधी नीतियों से दुखी होकर ही उन्होंने बसपा को अलविदा कहने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि इतिहास अपने आप को दोहराता है। जिस तरह बाबा साहिब के देहांत होने के 8 साल बाद आर.पी.आई. जमीन पर आ गई थी ठीक उसी तर्ज पर साहिब कांशीराम के देहांत के बाद साल 2014 के बाद से बसपा का नामोनिशान पूरी तरह से मिटने के कगार पर पहुंच गई है। हाल यह है कि अब बसपा का वजूद तक हुक्मरानों के रहमोकर्म पर टिकी हुई है।
बसपा सुप्रिमो पर उठाए सवालिया निशान
गुरलाल सैला ने बसपा सुप्रिमो पर सवालिया निशान लगाते हुए आरोप लगाया कि अभी हाल ही में हिमाचल प्रदेश के चुनाव में भाजपा की तरफ से मोदी व शाह की जोड़ी ने 60 से भी अधिक चुनाव रैलियां की जबकि बसपा की 1 रैली कांगड़ा में हुई भी तो उसमें पार्टी का कोई भी शीर्ष नेता तक शामिल नहीं हुआ। अब कर्नाटक में बसपा ने देवगौड़ा की पार्टी के साथ गठबंधन किया है जिसका सीधा-सीधा लाभ भाजपा को मिलेगा। यही नहीं यू.पी. में होने वाले चुनाव में भी बसपा समाजवादी पार्टी को समर्थन देने जा रही है जिसका लाभ भी भाजपा को ही मिलेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा को रोकने के लिए इस समय सभी सैक्यूलर फ्रंट को एक मंच पर आने की जरूरत है लेकिन बसपा सुप्रिमो तीसरा फ्रंट खड़ी कर सीधे सीधे भाजपा को लाभ पहुंचाने की दिशा में लगातार काम कर रही है जिससे पार्टी के अंदर बसपा कार्यकत्र्ताओं व नेताओं का दम घुटने लगा है।