Edited By Updated: 07 Sep, 2015 11:42 AM
बहु-प्रतीक्षित वन रैंक वन पैंशन को लेकर संघर्ष कर रहे पूर्व सैनिकों ने कैंट रेलवे स्टेशन पर जालंधर से अमृतसर की ओर जा रही डी.एम.यू. रेलगाड़ी को रोककर केन्द्र सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया।
पठानकोट (आदित्य, शारदा): बहु-प्रतीक्षित वन रैंक वन पैंशन को लेकर संघर्ष कर रहे पूर्व सैनिकों ने कैंट रेलवे स्टेशन पर जालंधर से अमृतसर की ओर जा रही डी.एम.यू. रेलगाड़ी को रोककर केन्द्र सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया। पूर्व सैनिकों ने कहा कि उनके द्वारा पिछले 40 वर्षों से वन रैंक वन पैंशन को लेकर संघर्ष किया जा रहा है तथा इस मांग को लागू करवाने के लिए पिछले काफी समय से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए विवश होना पड़ा जिसके चलते आखिरकार केन्द्र सरकार ने गत दिवस वन रैंक वन पैंशन को लागू किया लेकिन वे सरकार के इस निर्णय से संतुष्ट नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार वी.आर.एस. पर निर्णय न लेकर सैनिकों को विभाजित करने में लगी हुई है। जो सैनिक 15-20 वर्ष नौकरी करने के पश्चात मजबूरी में सेवानिवृत्त होता है, उसे भी अन्य सैनिकों की भांति वन रैंक वन पैंशन एवं अन्य सुविधाओं का हक मिलना चाहिए। सरकार ने उनकी मात्र एक मांग को स्वीकार किया है और 6 अन्य मांगों को नजरअंदाज कर दियाहै।
पूर्व सैनिकों की मुख्य मांगें योजना को अप्रैल 2014 से लागू किया जाए, समीक्षा समिति एक नहीं, 5 सदस्यीय हो और रिपोर्ट एक माह में दे, वी.आर.एस. लेने वालों को भी ओ.आर.ओ.पी. में शामिल किया जाए, पैंशन की समीक्षा हर 2 साल बाद की जाए इत्यादि हैं व जब तक उक्त मांगें भी स्वीकार नहीं होतीं तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।