Edited By Updated: 30 Sep, 2016 03:31 PM
मीयां नवाज शरीफ जी, रब्ब दा वास्ता, हुण ता होश करों, वेला आ गिया है शरारत छड्ड के शराफत दिखाओ। ये कहना है
जाति उमराः मीयां नवाज शरीफ जी, रब्ब दा वास्ता, हुण ता होश करों, वेला आ गिया है शरारत छड्ड के शराफत दिखाओ। ये कहना है गांव जाति उमरा वासियों का। ये वही गांव हैं जहां की गलियों में कभी पाक के प्रधानमंत्री मीयां नवाज शरीफ खेला करते थे।
शरीफ के पैतृक गांव के गुरुद्वारा साहिब में ग्रामीणों ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की हजूरी में वीरवार को अरदास की कि मीयां नवाज शरीफ को वाहेगुरु बल बख्शे और दोनों मुल्कों के बीच अच्छे संबंध स्थापित हो। ग्रामीणों ने कहा कि दोनों देशों बीच तनाव वाला माहौल बना है। पंजाब के कई गांव उजाड़े का शिकार हो रहे हैं। अब मौका है पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मीयां नवाज शरीफ को शरारत छोड़ शराफत से काम लेने का।
गांव के सरपंच दिलबाग सिंह, पंच बलविंदर सिंह, हीरा सिंह, अवतार सिंह, केहर सिंह, रवेल सिंह, निर्मल सिंह, सरवण सिंह, तेजिंदर सिंह, हरजीत सिंह, लाभ सिंह, दलबीर कौर, सुखराज कौर, जसपिंदर कौर, मंजीत कौर, सतनाम कौर और गुरुद्वारा साहिब के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी इंद्रजीत सिंह ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि पाक के शरीफ पर जब भी कोई बिपदा पड़ी तो इस गांव में उनके हक में नारा लगाया। नवाज शरीफ की सरकार का जब तख्तापलट हुआ था, उनकी जान पर बन आई थी उस समय गांव जाति उमरा के लोगों ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पाठ करवाकर नवाज शरीफ की दीर्घायु की अरदास की थी।
डॉ. दिलबाग सिंह ने बताया कि मीयां नवाज शरीफ को चाहिए कि दोनों देशों के बीच मधुर संबंध कायम करने के लिए अपनी जिद छोड़ दें, इसमें दोनों देशों की भलाई है। उन्होंने कहा कि हालात जंग के बन चुके हैं ऐसे में गांव के लोग देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हैं क्योंकि ये वतनपरस्ती का मामला है। गांव जाति उमरा के लोगों द्वारा हमेशा मीयां नवाज शरीफ के परिवार की खैरियत मांगी गई है, लेकिन अब ये गांव बाकी देश की तरह नवाज शरीफ को नसीहत देना चाहता है कि अब भी समय है सोच बदलो ताकि तबाही ना हो।