Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Feb, 2018 03:23 PM
कुछ माह पहले मानसा में डिप्टी जेलर व वैल्फेयर अफसर को कैदियों के परिजनों से रिश्वत के मामले में नामजद किया गया था। उस मामले में एस.एस.पी. विजीलैंस जगजीत सिंह भुगताना ने खुलासा करते हुए बताया कि यह सब जेल अधीक्षक की मिलीभगत का ही नतीजा है।
बठिंडा(विजय): कुछ माह पहले मानसा में डिप्टी जेलर व वैल्फेयर अफसर को कैदियों के परिजनों से रिश्वत के मामले में नामजद किया गया था। उस मामले में एस.एस.पी. विजीलैंस जगजीत सिंह भुगताना ने खुलासा करते हुए बताया कि यह सब जेल अधीक्षक की मिलीभगत का ही नतीजा है। रिश्वत के आरोप में नामजद किए गए जेल अफसर सिकंदर सिंह व डिप्टी जेल अधीक्षक गुरजीत सिंह बराड़ शामिल हैं जबकि वैल्फेयर अफसर को रिश्वत के पैसों सहित गिरफ्तार किया गया था। डिप्टी जेलर अभी तक भी फरार है जिसको भगौड़ा करार देने के लिए विजीलैंस की ओर से कार्रवाई शुरू की गई है। शुक्रवार को विजीलैंस बठिंडा के एस.एस.पी. जगजीत सिंह भुगताना ने एक और खुलासा करते हुए बताया कि रिश्वत के मामले मेें वैल्फेयर अफसर व डिप्टी अधीक्षक के अलावा जेल अधीक्षक दविंद्र सिंह भी शामिल हैं।
क्या है पूरा मामला
उल्लेखनीय है कि 17 दिसम्बर को मानसा की केंद्रीय जेल में तैनात वैल्फेयर अफसर सिकंदर सिंह को इसी जेल में बंद कैदी पवन कुमार के साथ बाहर जाकर कैदी के परिजनों से रिश्वत लेते विजीलैंस ब्यूरो बङ्क्षठडा की टीम ने गिरफ्तार किया था जिसमें विजीलैंस ने वैल्फेयर अफसर व कैदी को तो मौके से गिरफ्तार कर लिया था जबकि उक्त मामले का पता चलते ही जेल का डिप्टी अधीक्षक गुरजीत सिंह भूमिगत हो गया था जो अभी तक पुलिस की पकड़ से बाहर है। जबकि हाईकोर्ट में वैल्फेयर अफसर की जमानत याचिका रद्द हो चुकी है और डिप्टी जेलर को भगौड़ा करार देने की प्रक्रिया जारी है।