Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Jan, 2018 03:37 PM
देश के विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों में फर्जी अध्यापकों की नियुक्ति के गोरख-धंधे व छात्रों के भविष्य से होने वाले खिलवाड़ पर लगाम लगाने के लिए अब गुरुजन पोर्टल एक सहायक के रूप में उभर कर सामने आ रहा है।
अमृतसर (ममता): देश के विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों में फर्जी अध्यापकों की नियुक्ति के गोरख-धंधे व छात्रों के भविष्य से होने वाले खिलवाड़ पर लगाम लगाने के लिए अब गुरुजन पोर्टल एक सहायक के रूप में उभर कर सामने आ रहा है।
इसकी जहां देश के मान्यता प्राप्त बढियां संस्थानों द्वारा प्रशंसा की जा रही है, वहीं फर्जी निजी संस्थानों के संचालकों को अपने पांवों तले से जमीन खिसकती दिखाई दे रही है। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर द्वारा इस संबंध में पिछले सप्ताह गुरुजन पोर्टल लांच करके इसकी घोषणा की गई थी।
80 हजार अध्यापक मिले एक से अधिक संस्थानों में रजिस्टर्ड
मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा हर वर्ष किए जाते सर्वे के आधार पर जब देश के उच्च शिक्षण संस्थानों का डाटा इकट्ठा किया गया तो उसमें संस्थानों में कार्यरत 85 प्रतिशत अध्यापकों के आधार नंबर से चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। इनमें से लगभग 80 हजार अध्यापक ऐसे पाए गए जो कि अन्य संस्थानों में भी उसी आधार नंबर पर रजिस्टर्ड थे। यह रजिस्ट्रेशन उक्त संस्थानों द्वारा अध्यापकों की संख्या दिखाने के लिए फर्जी रूप से की गई थी। एम.एच.आर.डी. ने इस सर्वे का गंभीर नोटिस लेते हुए इसे उज्ज शिक्षा के लिए बहुत बड़ा नुक्सान बताया।
संस्थान का स्तर ऊंचा दिखाने के लिए डाला जाता था फर्जी डाटा
उज्ज शिक्षण संस्थानों द्वारा पोर्टल पर डाले गए स्तर को जांचने के लिए हर वर्ष ऑल इंडिया सर्वे ऑफ हायर एजुकेशन के अधिकारी देश के सभी उज्ज शिक्षण संस्थानों का सर्वे करते थे जिसमें सभी संस्थानों को अपने संस्थान की ढांचागत शर्तों के साथ-साथ फैकल्टी की सही जानकारी देना भी जरूरी होता था। ज्यादातर निजी संस्थानों में अक्सर संबंधित विषयों के अध्यापकों की कमी देखने को मिलती थी, जिसे पूरा करने व अपने संस्थान का स्तर ऊंचा दिखाने के लिए उक्त संस्थान अन्य संस्थानों के अध्यापकों की सूची डाल देते थे। यह गोल-माल कई वर्षों से चल रहा था, जिसका गंभीर नोटिस लेते हुए ऑल इंडिया सर्वे ऑफ हायर एजुकेशन द्वारा एक पोर्टल लांच किया गया जिसमें फैकल्टी, भवन के साथ-साथ शिक्षा संस्थान की हर जानकारी उपलब्ध करवाने को कहा गया है।
पोर्टल के डाटा से आंका जाएगा शिक्षा का स्तर
गुरुजन पोर्टल में सभी उज्ज शिक्षण संस्थानों जिनमें कॉलेज, आई.आई.टी. इंस्टीच्यूट्स और विश्वविद्यालय शामिल हैं, द्वारा अपने-अपने अध्यापकों का डाटा उनके आधार नंबर के साथ दर्ज करवाने का प्रावधान रखा गया है जिससे कोई भी शिक्षण संस्थान अपने कैंपस में फर्जी फैकल्टी नहीं डाल सकेंगे। इससे जहां शिक्षा का स्तर पोर्टल पर बताए गए डाटा के अनुसार आंका जाएगा, वहीं उस संस्थान में जाने वाले छात्र को यह साफ होगा कि वह किस फैकल्टी से अपनी शिक्षा लेने जा रहा है।