वाटर रीचार्ज वैल की योजना विभागीय निष्क्रियता के चलते नहीं चढ़ पाई सिरे

Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Aug, 2017 01:19 PM

water recharge scheme did not clash due to departmental inactivity

पिछले दो-तीन दशकों से सिंचाई व क्रंक्रीट के जंगलों के लिए किए गए अंधाधुंध जल सम्पदा के दोहन व पिछले कुछ वर्षों दौरान हुई औसत से भी कम वर्षा से राज्य के  भू-जलस्तर में तेजी से गिरावट जारी है, जोकि चिंता का सबब बनी हुई है।

पठानकोट (शारदा): पिछले दो-तीन दशकों से सिंचाई व क्रंक्रीट के जंगलों के लिए किए गए अंधाधुंध जल सम्पदा के दोहन व पिछले कुछ वर्षों दौरान हुई औसत से भी कम वर्षा से राज्य के  भू-जलस्तर में तेजी से गिरावट जारी है, जोकि चिंता का सबब बनी हुई है।

विशेषज्ञ इस बात को लेकर ङ्क्षचतित हैं कि अगर इसी प्रकार भू-जलस्तर नीचे गिरता रहा तो भविष्य में पानी को लेकर खेती व अन्य मानवीय जरूरतों को पूरा करना मुश्किल हो जाएगा। राज्य में आई नए सरकार ने लगातार गिर रहे जलस्तर को बचाने के लिए बड़े स्तर पर फैसला लिया है। निकाय विभाग इस मामले में तेजी से हरकत में भी आया है। निकाय विभाग द्वारा लिए गए इस जल बचाने संबंधी निर्णय अनुसार नगर निगम की ओर से जितने भी नक्शे पास किए जाएंगे, उन पास नक्शों के मुताबिक प्रत्येक भवन में जल संरक्षण के लिए वाटर रीचार्ज वैल बनाए जाएंगे।  

क्या है वाटर रीचार्ज वैल
मुख्य रूप से वाटर रीचार्ज वैल पम्पिंग वैल के पूर्णतया विपरीत है। रीचार्ज वैल सतह पर आए पानी को ग्राऊंड सिस्टम में ले जाता है। आमतौर पर वाटर रीचार्ज वैल एक मीटर परिधि (डायामीटर) में व 6 मीटर गहरा होता है जोकि कंक्रीटनुमा रिंगों से तैयार होता है। बरसाती पानी, जोकि छतों आदि से नीचे जमीनी सतह की ओर गिरता है, को आगे वाटर रीचार्ज वैल की ओर एकत्रित किया जाता है। इस प्रकार वाटर रीचार्ज वैल ग्राऊंड वाटर लैबल को बढ़ाने की दिशा में कार्य करता है।

डार्क जोन में नहीं है पठानकोट क्षेत्र 
वर्णनीय है कि पठानकोट क्षेत्र डार्क जोन में नहीं आता। आज से 10 वर्ष पहले डीप बोर ट्यूबवैल के लिए 120 फुट खुदाई की जाती थी जिस पर 15 से 20 लाख लागत आती थी परन्तु भू-जलस्तर गिरावट के चलते अब 150 फुट गहरा खोदा जाता है तथा इस पर 25 से 30 लाख खर्चा आता है। गर्मियों के मौसम में 4 से 5 फुट भू-जलस्तर में गिरावट आई थी जो अब बरसात होने पर पूरी हो गई है। पेयजल समस्या को देखकर 7.2 किलोमीटर पाइपें डाली जा रही हैं जिसमें से 1.8 किलोमीटर पाइपें डाल दी गई हैं। मौजूदा समय में 49 ट्यूबवैल पेयजलापूॢत कर रहे हैं।

 50,000 रिहायशी इमारतों में से अधिकांश में नहीं हैं वाटर रीचार्ज वैल 
वहीं दूसरी ओर इतनी महत्वपूर्ण योजना महज जागरूकता के अभाव व विभागीय निष्क्रियता कारण सिरे नहीं चढ़ पाई। नगर निगम के अधीन आते करीब 50,000 रिहायशी इमारतें होंगी, परन्तु इनमें से अधिकांश में वाटर रीचार्ज वैल नहीं हैं जबकि निकाय विभाग की योजना के अधीन किसी भी निर्मित होने वाले भवन का नक्शा पारित करने से वाटर रीचार्ज वैल की अनिवार्यता का उल्लेख है। इसके बावजूद उदासीनता व निष्क्रियता के चलते अभी तक अधिकांश पारित किए गए भवनों के नक्शों के बाद अस्तित्व में आए भवनों में वाटर रीचार्ज वैल अब तक नहीं बनाए जा सके । वाटर रीचार्ज वैल को लेकर जहां आम जनता खासी सक्रिय नहीं है वहीं विभागीय निष्क्रियता भी इसके आड़े आ रही है।  

 अगर बात बिल्डिंग मालिकों द्वारा वाटर रीचार्ज वैल बनाने के लिए जमा करवाई गई राशि की, की जाए तो ये नग्रय हैं तथा वाटर रीचार्ज वैल बनने के बाद रिफंड की गई राशि भी न के बराबर है। इसका मुख्य कारण न तो भवन निर्माता की इस संबंध में रुचि है तथा न ही विभागीय सक्रियता है। ऐसे में पिछले लम्बे समय दौरान वाटर रीचार्ज वैल बनाने हेतु बिना राशि जमा किए नक्शे पारित हो रहे हैं।  
वहीं दूसरी ओर अप्रैल से अगस्त महीनों के बीच 160 भवनों के नक्शे पारित हुए हैं। 8 मरले व इससे अधिक भू-रकबे में बनने वाले भवनों में वाटर रीचार्ज वैल बनाना आवश्यक है, परन्तु इन भवनों में अधिकांश में वाटर रीचार्ज वैल नहीं बन पाए हैं।
 
क्या कहते हैं आर्कीटैक्ट

इस संबंध में आर्कीटैक्ट भारत भूषण का मानना है कि एक वाटर रीचार्ज वैल के लिए 8 से 12 हजार के बीच लागत आती है जोकि एक मीटर चौड़ा व 6 मीटर गहराई तक बनाया जाता है। यह 5,000 लीटर के करीब पानी स्टोर करने की समर्था रखता है। 3 फुट चौड़ा व 20 फुट गहरा वैल 1,000 वर्ग मीटर के भू-रकबे के ग्राऊंड वाटर को रीचार्ज कर सकता है। एक वर्ष में सामान्य 900 मि.मी. वर्षा होने का अभिप्राय एक मिलियन लीटर पानी का संरक्षण है। ऐसे में किसी भी भवन निर्माण के दौरान वाटर रीचार्ज वैल की महत्ता स्वयं ही आंकी जा सकती है।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि किसी भी भवन निर्माण के दौरान वाटर रीचार्ज वैल के निर्माण से पहले उसकी लोकेशन अधिक महत्वपूर्ण है। कैचमैंट एरिया साफ व प्रदूषण-मुक्त होना चाहिए। इसके साथ निर्मित वैल स्वच्छ होना चाहिए। इसकी नियमित रूप से सफाई व जांच होनी चाहिए। अगर निर्मित किया गया वाटर रीचार्ज वैल उपयुक्त नहीं है तथा ग्राऊंड वाटर लैवल को नहीं बढ़ा पा रहा तो इसको तुरंत बंद कर देना चाहिए।
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!