Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Jul, 2017 08:23 AM
बरसात के मौसम में फगवाड़ा व आस-पास के इलाकों में जहरीले सांप लोगों के लिए कहर बनते चले जा रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार फगवाड़ा सहित अन्य करीबी क्षेत्रों ओंकार नगर, गोबिन्दपुरा, खाटी सहित विभिन्न इलाकों में 2 दर्जन से ज्यादा लोग सर्पदंश का शिकार हो...
फगवाड़ा (जलोटा): बरसात के मौसम में फगवाड़ा व आस-पास के इलाकों में जहरीले सांप लोगों के लिए कहर बनते चले जा रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार फगवाड़ा सहित अन्य करीबी क्षेत्रों ओंकार नगर, गोबिन्दपुरा, खाटी सहित विभिन्न इलाकों में 2 दर्जन से ज्यादा लोग सर्पदंश का शिकार हो चुके हैं। घटी ताजा घटना में बुधवार को ओंकार नगर में एक विवाहिता राज रानी पत्नी छोटू लाल को जहरीले सांप के डसने पश्चात गंभीर हालत में इलाज के लिए सिविल अस्पताल लाया गया है। वहीं एकत्र ब्यौरे अनुसार फगवाड़ा सिविल अस्पताल में महज चंद दिनों में एक के बाद एक कर कई लोगों को जहरीले सांपों के डसने पश्चात उपचार हेतु भर्ती करवाया गया है।
इन पीड़ितों में महिलाएं, बच्चे और पुरुष सभी शामिल हैं। अहम पहलू यह है कि सांप के डसने पश्चात पीड़ित व्यक्ति इस बात से ज्यादा घबराया होता है कि उसे सांप ने डसा है जबकि जानकारों की राय में प्रत्येक सांप जहरीला नहीं होता है। हालांकि सांपों की कुछ प्रजातियां, जिनमें उत्तर भारत में बहु-संख्या में पाया जाता कोबरा सहित अन्य कुछ प्रजातियों के सांप बेहद जहरीले होते हैं।
इनके डसने पश्चात इंसान की मौत होने की संभावना बेहद अधिक होती है। पंजाब केसरी से वार्तालाप के दौरान जहरीले सांप के डसने पश्चात पीड़ितों का उपचार करते डाक्टरों ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हमारे लिए सबसे ज्यादा जरूरी यह होता है कि हम यह जान सकें कि आखिर पीड़ित को किस प्रजाति के सांप ने डसा है। ज्यादातर मामलों में पीड़ित के हाव-भाव से पता चल जाता है कि उसे कैसे सांप ने डसा है और उसका कैसा उपचार करना है। हालांकि कई मौकों पर ऐसे भी हालात पैदा हो जाते हैं कि पीड़ित इतनी दहशत में होता है कि उसे पता नहीं होता है कि क्या वास्तव में उसे सांप ने डसा है अथवा उसे करीब से सांप देखने के बाद खुद को डसने का वहम हुआ है।