अध्यापकों के पद खाली , बंद होने की कगार पर एडिड स्कूल

Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Jun, 2017 12:27 PM

vacant posts of teachers in aided school

रूपनगर जिले के 17 सरकारी सहायता प्राप्त (एडिड) स्कूलों में अध्यापकों व अन्य कर्मचारियों के बड़े स्तर पर पद खाली होने के कारण ये स्कूल बंद होने की कगार पर हैं

 घनौली (शर्मा): रूपनगर जिले के 17 सरकारी सहायता प्राप्त (एडिड) स्कूलों में अध्यापकों व अन्य कर्मचारियों के बड़े स्तर पर पद खाली होने के कारण ये स्कूल बंद होने की कगार पर हैं। जिले में कुल 298 (239 टीचिंग तथा 59 नॉन-टीचिंग) मंजूरशुदा पदों में से 174 (142 टीचिंग तथा नॉन-टीचिंग 32) रिक्त पड़े हैं, जिस कारण इन स्कूलों में शिक्षा प्रबंध बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। जिले के सीनियर सैकेंडरी एडिड स्कूलों में प्रिंसीपलों के पद खाली पड़े हैं, जबकि हाई स्कूलों में सिर्फ एच.डी.एन. हाई स्कूल भनुपली तथा जी.एम.एन. स्कूल रूपनगर में ही पक्के तथा रैगुलर अध्यापक तैनात हैं व जिले के शेष स्कूलों में गत लंबे समय से कार्यकारी मुख्य अध्यापक/प्रिंसीपल ही कार्य चला रहे हैं। इतने पद खाली होने के कारण स्कूल प्रबंधकों को स्कूल चलाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। 

क्या कहते हैं यूनियन नेता 
इस संबंध में एडिड स्कूल अध्यापक यूनियन पंजाब के प्रधान एन.एन. सैनी तथा प्रदेश सचिव अश्विनी शर्मा ने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा 2002 के बाद एडिड स्कूलों में अध्यापकों की कोई भर्ती नहीं की गई तथा पिछली बादल सरकार द्वारा एडिड स्कूलों में 95 अनुपात 5 की बजाय 70 अनुपात 30 के मुताबिक भर्ती करने की नई नीति बनाई गई थी, जिसको यूनियन व प्रबंधकीय कमेटी द्वारा रद्द कर दिया गया था। कमेटियों के लिए वेतन का 30 प्रतिशत हिस्सा डालना असंभव है। एडिड स्कूलों में करीब 3000 अध्यापक कार्य कर रहे हैं। अगर सरकार इन अध्यापकों को सरकारी स्कूलों में मर्ज कर लेती है तो सारी समस्या हल हो सकती है। यूनियन का एक वफद समस्या के बाबत हलका नंगल के विधायक व स्पीकर पंजाब विधानसभा राणा के.पी. सिंह से भी  मिला।
 

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