Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Mar, 2018 11:59 AM
सैंट्रल खालसा यतीमखाने से उठकर देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर जलियांवाला बाग का बदला अंग्रेज साम्राज्य की राजधानी लंदन में जाकर लेने वाले देश के महान शहीद के बुत पर 52 हजार रुपए जी.एस.टी. लगाना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह बुत सरकार को खुद लगाना चाहिए था,...
फिरोजपुर(कुमार): सैंट्रल खालसा यतीमखाने से उठकर देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर जलियांवाला बाग का बदला अंग्रेज साम्राज्य की राजधानी लंदन में जाकर लेने वाले देश के महान शहीद के बुत पर 52 हजार रुपए जी.एस.टी. लगाना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह बुत सरकार को खुद लगाना चाहिए था, परंतु समूह कम्बोज बिरादरी की तरफ से पैसे इकट्ठा करके लगाया गया।
इस समागम में सरकार के पास से जलियांवाला बाग में बुत लगाने की मंजूरी के सिवाय और कुछ नहीं मांगा गया। ये विचार इंजीनियर सुखचैन सिंह लायलपुरी प्रधान शहीद ऊधम सिंह भगत सिंह मैमोरियल फाऊंडेशन पंजाब की तरफ से पत्रकारों के साथ बातचीत दौरान व्यक्त किए गए। लायलपुरी ने कहा कि शहीद देश का कीमती सरमाया हैं। उनकी स्मारक बनाकर आने वाली पीढ़ी को इतिहास से अवगत करवाना सरकार की जिम्मेदारी है, परंतु शहीदों के बुत और श्री हरिमंदिर साहिब के लंगर जिसको दुनिया की सबसे बड़ी मुफ्त लंगर खिलाने वाली रसोई का दर्जा दिया जाता है, उस पर टैक्स लगाना सरकार को शोभा नहीं देता। उन्होंने शहीद ऊधम सिंह भगत सिंह मैमोरियल फाऊंडेशन पंजाब और देश-विदेश में बसी कम्बोज बिरादरी की तरफ से केन्द्र सरकार से मांग की कि जलियांवाला बाग में एक वल्र्ड क्लास शहीद ऊधम सिंह पुस्तकालय बनाया जाए।