Edited By Updated: 30 Mar, 2017 12:25 PM
करीब 20 दिन पहले गढ़ा में स्थित एक चैरीटेबल अस्पताल में हुई मारपीट के मामले में थाना नम्बर-7 की पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। उधर, पीड़ित पक्ष का आरोप है कि
जालंधर (प्रीत): करीब 20 दिन पहले गढ़ा में स्थित एक चैरीटेबल अस्पताल में हुई मारपीट के मामले में थाना नम्बर-7 की पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। उधर, पीड़ित पक्ष का आरोप है कि पुलिस राजनीतिक दबाव के कारण आरोपियों पर कार्रवाई के लिए ढिलमुल कार्रवाई कर रही है। 7 मार्च को अस्पताल के बाहर हुई मारपीट में गंभीर रूप से घायल हुए कैलाश शर्मा वासी अर्बन एस्टेट फेज-1 ने बताया कि रिश्ते में उसकी साली सोनम घुम्मण गर्भवती थी और उसने 7 मार्च को अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया। कैलाश के मुताबिक सोनम का उसके पति मनिन्द्र वासी कोट सद्दीक के साथ विवाद चल रहा है। बच्चे के जन्म से पहले हुए आपसी राजीनामा में लिखित हुआ था कि बच्चे पर मनिन्द्र का कोई हक नहीं होगा। इस संबंधी एफीडैविट में भी लिखा गया, लेकिन जिस दिन बच्चे का जन्म हुआ तो मनिन्द्र अपने साथियों के साथ अस्पताल पहुंच गया।
आरोप है कि हमलावरों ने सोनम, उसकी मां व रिश्तेदारों के साथ अस्पताल में मारपीट की और बच्चा छीनने की कोशिश की। एक रिश्तेदार बच्चे को लेकर बाथरूम में बन्द हो गया, जिस कारण हमलावर बच्चा नहीं ले जा सके। कैलाश ने कहाकि इसी बीच घटना की सूचना उसे मिली तो वह तुरंत अस्पताल पहुंचे। अभी अस्पताल के अंदर ही जाने लगे थे कि हमलावर भागते हुए बाहर आए और उस पर तेजधार हथियारों से हमला कर दिया। उसके सिर पर तेजधार हथियारों से करीब 14 घाव किए गए, जिससे वह बेसुध होकर गिर गया। उसे तुरंत उसी अस्पताल तथा बाद में सत्यम अस्पताल रैफर कर दिया गया। कैलाश ने बताया कि पुलिस ने हमलावरों के खिलाफ उनके बयानों पर मनिन्द्र सिंह, स्वरूप उर्फ रूप, जस्सा उर्फ टोपी, दीप, कालू व अन्यों के खिलाफ धारा 308, 323, 148, 149 आई.पी.सी. तथा असला एक्ट की धारा 25, 27 के अधीन केस दर्ज किया। वारदात में संलिप्त 3 आरोपी स्वरूप उर्फ रूप, जसप्रीत जस्सा तथा अजय मसीह उर्फ कालू ने सरैंडर किया और तीनों पुलिस रिमांड पर हैं। कैलाश ने आरोप लगाया कि पुलिस आरोपियों से ढिलमुल रवैया अपना रही है। उनका आरोप है कि राजनीतिक दबाव के कारण आरोपियों को सजा नहीं दी जा रही। कैलाश ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ पहले भी कई थानों में केस दर्ज हैं। कैलाश ने पुलिस कमिश्नर से मांग की है कि फरार आरोपियों को भी गिरफ्तार कर उन्हे इंसाफ दिलवाया जाए।