इस बार गर्मी बना सकती है नए रिकार्ड

Edited By Updated: 23 Feb, 2017 11:44 AM

this time the heat can make the new record

कुछ वर्ष पहले की बात करें तो अक्तूबर से लेकर मार्च के आखिर तक मौसम का मिजाज पूर्ण रूप में ठंडी वाला बना रहता था। लेकिन अब कड़ाकेदार सर्दी का समय दिन-प्रतिदिन कम होता जा रहा है। इसकी प्रमुख वजह बढ़ रहा प्रदूषण व वृक्षों की अंधाधुंध कटाई को माना जा...

लुधियाना(सलूजा): कुछ वर्ष पहले की बात करें तो अक्तूबर से लेकर मार्च के आखिर तक मौसम का मिजाज पूर्ण रूप में ठंडी वाला बना रहता था। लेकिन अब कड़ाकेदार सर्दी का समय दिन-प्रतिदिन कम होता जा रहा है। इसकी प्रमुख वजह बढ़ रहा प्रदूषण व वृक्षों की अंधाधुंध कटाई को माना जा रहा है। चालू वर्ष 2017 के फरवरी महीने पर एक नजर डाली जाए तो तापमान एकदम से बढऩे लगा है। जिस तेजी से गर्मी का प्रकोप बढऩे लगा है, इससे तो यही संभावना लग रही है कि इस बार गर्मी अपने पिछले सभी रिकार्डों को तोड़ते हुए नए रिकार्ड स्थापित कर सकती है। करवट ले रहे मौसम के मिजाज से किसान तो परेशान हैं ही, वैज्ञानिक भी हैरान हैं। फरवरी महीने के दौरान महानगर में दो-तीन बार हल्की से मध्यम बारिश ने दस्तक दी। जम्मू-कश्मीर व हिमाचल सहित पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी भी लगातार होती रही है। पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवॢसटी के मौसम विभाग के माहिरों ने बताया कि फिलहाल बारिश की कोई संभावना नहीं है। मौसम का मिजाज खुश्क बना रहेगा और इसी तरह करवट लेता रहेगा। 

किसान गेहूं, गन्ने व सरसों का रखें ध्यान
कृषि माहिरों ने किसानों को यह सुझाव दिया है कि मौजूदा मौसम के दौरान गेहूं व गन्ने की फसल को जरूरत के मुताबिक पानी दें व इसी के साथ ही गेहूं व सरसों के खेतों का सर्वेक्षण भी करते रहें। पूर्व जिला खेतीबाड़ी अफसर डा. सुखपाल सिंह सेखों का कहना है कि मौजूदा मौसम गेहूं की फसल के लिए नुक्सानदायक साबित हो सकता है। इस समय फसल के लिए ठंड का बने रहना जरूरी है। डा. सेखों ने कहा कि यदि मौसम का मिजाज गर्मी वाला बना रहा तो यकीनन तौर पर फसल का उत्पादन प्रभावित हो सकता है। 

पावर कॉम के लिए चुनौती से कम नहीें
गर्मी के बढ़ते ही बिजली की मांग में भी एकदम से उछाल आना स्वाभाविक है क्योंकि बिजली की मांग को पूरा करने के लिए बिजली विभाग इंडस्ट्री समेत हर वर्ग पर ही कई तरह की पाबंदियां लगा देता है। बिजली गुल की शिकायतों का समय पर निपटारा कर पाना बिजली विभाग के लिए सिरदर्दी बन जाता है। बिजली के उत्पादन व मांग को एक समान रख पाना पावर कॉम के लिए किसी चुनौती से कम नहीं रहता। 

गले व सांस की बीमारियां बढऩे का खतरा
मौसम का कभी गर्म व सर्द हो जाने से गले व सांस से संबंधित बीमारियां बढऩे का खतरा अधिक हो जाता है। डा. अजय मोहन शर्मा ने बताया कि जिस भी व्यक्ति को लगातार खांसी आने की शिकायत हो तो किसी स्पैशलिस्ट डाक्टर से बिना किसी देरी के इलाज करवा लेना चाहिए। इस मौसम में खाने-पीने पर भी कंट्रोल रखें। 

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