Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Jan, 2018 01:36 PM
पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल का बठिंडा पहुंचने पर थर्मल कर्मचारियों ने काले झंडे लेकर रास्ता रोक विरोध जताया। इसके बाद पुलिस ने थर्मल कर्मचारियों को रोका।
बठिंडाः पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल का बठिंडा पहुंचने पर थर्मल कर्मचारियों ने काले झंडे लेकर रास्ता रोक विरोध जताया। इसके बाद पुलिस ने थर्मल कर्मचारियों को रोका।
बता दें पंजाब सरकार के बठिंडा और रूपनगर थर्मल प्लांट बंद करने की घोषणा से राज्य में सियासी बवाल खड़ा हो गया है। विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस और अकाली दल दोनों पार्टियों ने लोगों को भरोसा दिलाया था कि थर्मल प्लांट बंद नहीं होंगे, लेकिन अब हजारों करोड़ रुपए के घाटे की बात करके अचानक थर्मल प्लांट बंद कर दिए हैं।
सालाना 1300 करोड़ रुपए के घाटे का दावा
राज्य सरकार के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल के मुताबिक बठिंडा प्लांट से सरकार को सालाना 1300 करोड़ रुपए का घाटा हो रहा था। उनके मुताबिक बठिंडा थर्मल प्लांट में पैदा हो रही बिजली की लागत 11 रुपए प्रति यूनिट आ रही थी, जबकि खुले बाजार में बिजली महज अढ़ाई रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से उपलब्ध है। सरकार का यह भी तर्क है कि कोयले की खदानें पंजाब से काफी दूर हैं, जिसके कारण बिजली उत्पादन महंगा हो गया था।
उधर, थर्मल प्लांट के सहारे वोट बटोरने वाले अकाली दल ने कांग्रेस सरकार के फैसले को पंजाब विरोधी बताया है। विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि राज्य सरकार के इस फैसले से 5000 से अधिक लोग बेरोजगार हो जाएंगे।
गौरतलब है कि 1974 में स्थापित बठिंडा थर्मल प्लांट की मियाद पूरी हो चुकी है और पिछली अकाली-भाजपा सरकार ने राजनीतिक कारणों से इस थर्मल प्लांट को बचाने के लिए 2012 से 2014 तक 700 करोड़ रुपए खर्च डाले थे।