Edited By Subhash Kapoor,Updated: 13 Mar, 2025 09:02 PM

पंजाब सरकार द्वारा करप्शन को लेकर सख्त रुख अपनाने के जो दावे किए जा रहे हैं, उसका असर ग्लाडा में देखने को मिल रहा है, जिसके तहत ग्लाडा की लाइसेंस ब्रांच के किंगपिन को लुधियाना से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।
लुधियाना (हितेश) : पंजाब सरकार द्वारा करप्शन को लेकर सख्त रुख अपनाने के जो दावे किए जा रहे हैं, उसका असर ग्लाडा में देखने को मिल रहा है, जिसके तहत ग्लाडा की लाइसेंस ब्रांच के किंगपिन को लुधियाना से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।
यहां बताना उचित होगा कि लुधियाना में किसी भी कालोनी, ग्रुप हाउसिंग या कमर्शियल प्रोजेक्ट की मंजूरी के लिए ग्लाडा की लाइसेंस ब्रांच में अप्लाई किया जाता है। जहां एक क्लर्क ही बॉस बना हुआ था और कोई भी केस उसके साथ सेटिंग के बिना क्लीयर नहीं हो सकता था। हालांकि इस क्लर्क की ड्यूटी रिकार्ड में नवांशहर और मोगा के लिए लगी हुई थी। लेकिन सीनियर अधिकारियों का आशीर्वाद मिला होने की वजह से लुधियाना का कंट्रोल भी उसके पास ही था और वो हाथों हाथ प्रोजेक्ट पास करवाने का दावा करता था।
जो क्लर्क टाउन प्लानिंग विंग में से भी नीचे से ऊपर तक प्रोजेक्ट की फाइल क्लीयर करवाने की जिम्मेदारी लेता था। इसके बदले में लाखों का लेन देन हो रहा था और इस क्लर्क की कमाई का आंकड़ा करोड़ों में पहुंच चुका है।
इस संबंध में शिकायत सरकार के अलावा विजिलेंस के पास पहुंची हुई है। लेकिन अब उस क्लर्क को लाइसेंस ब्रांच से फारिग कर दिया गया है। अब शहरी विकास विभाग द्वारा भी कार्रवाई की गई है और उक्त क्लर्क को फिरोजपुर में भेज दिया गया है, जिसके बाद रियल एस्टेट सेक्टर के लोगों ने राहत की सांस ली है