Edited By Updated: 13 May, 2017 03:08 PM
दुबई की जेल में बंद पंजाबी नौजवान जिसे फांसी की सजा सुनाई गई थी की गत दिनों हृदय गति रुकने से मृत्यु होने उपरांत अंतर्राष्ट्रीय स्तर की संस्था सरबत का भला चैरीटेबल ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी व समाज सेवी प्रो. डा. एस.पी. सिंह ओबराय आज दुबई से नौजवान...
बटाला(मठारू) : दुबई की जेल में बंद पंजाबी नौजवान जिसे फांसी की सजा सुनाई गई थी की गत दिनों हृदय गति रुकने से मृत्यु होने उपरांत अंतर्राष्ट्रीय स्तर की संस्था सरबत का भला चैरीटेबल ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी व समाज सेवी प्रो. डा. एस.पी. सिंह ओबराय आज दुबई से नौजवान अमरजीत सिंह की मृतक देह को लेकर उसके पैतृक गांव पहुंचे। डा. ओबराय ने बताया कि वर्ष 2006 में अमरजीत सिंह दुबई गया था, जहां वर्ष 2009 से वह एक कत्ल केस में दुबई की जेल में बंद था। अदालत ने पहले अमरजीत को उम्रकैद की सजा सुनाई थी लेकिन बाद में उच्च अदालत ने इसको फांसी की सजा में तब्दील कर दिया।
उन्होंने बताया कि अमरजीत सिंह सहित 12 अन्य पंजाबी नौजवानों का केस उनके द्वारा स्वयं सरबत का भला चैरीटेबल ट्रस्ट के नेतृत्व तहत लड़ा जा रहा था, जिसके चलते ट्रस्ट द्वारा पीड़ित परिवार को ब्लड मनी देकर इन 12 नौजवानों की फांसी की सजा माफ करवाई गई थी। दुबई की जेल में बंद यह नौजवान अब रिहा होकर अपने घर वापस आने वाला था क्योंकि अदालत ने इस केस की तारीख 25 मई डाल रखी थी लेकिन 3 मई को अमरजीत सिंह को जेल में ही हार्ट अटैक हुआ, जिस कारण उसकी मौत हो गई।मृतक के पिता गुरचरण सिंह, माता, बहनों व समूचे क्षेत्र द्वारा डा. एस.पी. सिंह ओबराय का धन्यवाद किया गया जिन्होंने ट्रस्ट द्वारा लाखों रुपए खर्च करके नौजवान की मृतक देह को उसके परिवार तक पहुंचाया।