Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Jul, 2017 10:29 AM
डी.ए.सी. के अंदर तहसील परिसर में बूथ नं. 277 पर बतौर वसीका नवीस काम करने वाले गुलशन सारंगल जिसने कुछ दिन पहले नायब
जालंधर(अमित): डी.ए.सी. के अंदर तहसील परिसर में बूथ नं. 277 पर बतौर वसीका नवीस काम करने वाले गुलशन सारंगल जिसने कुछ दिन पहले नायब तहसीलदार-2 (एन.टी.) मनदीप सिंह के ऊपर पौने 3 मरले की एक रजिस्ट्री करने के बदले में पार्टी से 20,000 रुपए की रिश्वत मांगने के गंभीर आरोप लगाए थे, उस मामले में मंगलवार को एस.डी.एम.-1 राजीव वर्मा के दफ्तर में सुनवाई हुई।
सुनवाई दौरान एन.टी. मनदीप सिंह द्वारा अपने अंतिम गवाह को पेश करने से यह कहकर मना कर दिया गया कि गवाह अपने बच्चे की एडमिशन के लिए दिल्ली गया हुआ है। एस.डी.एम. ने एन.टी. को कहा कि अगर वह गवाह पेश कर सकते हैं तो उसे बुला लें अन्यथा बाद में गवाही दर्ज करने का अवसर नहीं दिया जाएगा। एन.टी. द्वारा असमर्थता जताने पर एस.डी.एम. ने गवाहियां बंद करने का आदेश दिया और दोनों पक्षों को एक-दूसरे से क्रास (जिरह) करने के लिए कहा। दोनों पक्षों ने इस केस को लेकर एक-दूसरे से सवाल-जवाब किए। इस बीच एन.टी. ने लिखित रूप से अपने बयान और एक सी.डी. एस.डी.एम. के सामने पेश करते हुए कहा कि सी.डी. में साफ तौर पर पता लग रहा है कि शिकायतकत्र्ता किसी को कह रहा है कि उससे किसी अधिकारी ने रिश्वत की मांग नहीं की है।
एस.डी.एम. ने एन.टी. को आश्वासन दिया कि वह अपना फैसला सुनाने से पहले सी.डी. को जरूर सुनेंगे और उसमें दर्ज बातों को भी पूरी अहमियत प्रदान की जाएगी। जांच के दौरान वसीका नवीस गुलशन ने कहा कि वह अपनी बात पर पूरी तरह से अडिग है और अपने बयान पहले ही दर्ज करवा चुका है तथा उसका कहना है कि इस मामले में पहले दी गई शिकायत और उसके साथ दिया गया एफीडैविट ही उसका बयान समझा जाए। वहीं दूसरी तरफ इस मामले में एन.टी. मनदीप सिंह का कहना है कि रिश्वत मांगने जैसी कोई बात हुई ही नहीं थी और उन्होंने केवल प्रॉपर्टी की पुरानी रजिस्ट्री मांगी थी क्योंकि उक्त प्रॉपर्टी लाल लकीर के अंदर आती थी इसलिए जब पार्टी ने उन्हें कहा कि पुरानी रजिस्ट्री कहीं गुम हो चुकी है तो उनसे एफ.आई.आर. की कापी मांगी गई थी और 20 हजार की मांग करने के आरोप बिल्कुल झूठे व बेबुनियाद हैं।