भ्रष्टाचार की जंग में RTA ने की पहली सर्जीकल स्ट्राइक

Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Nov, 2017 10:25 AM

surgical strike

पंजाब रोडवेज की वर्कशॉप के अंदर बने आधुनिक ड्राइविंग टैस्ट ट्रैक पर काम करने वाले निजी कंपनी स्मार्ट चिप के कर्मचारियों पर लगातार भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगते रहते हैं। कई बार तो आरोप साबित भी हो चुके हैं। लाखों-करोड़ों रुपए घोटाले सामने आने के...

जालंधर(अमित): पंजाब रोडवेज की वर्कशॉप के अंदर बने आधुनिक ड्राइविंग टैस्ट ट्रैक पर काम करने वाले निजी कंपनी स्मार्ट चिप के कर्मचारियों पर लगातार भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगते रहते हैं। कई बार तो आरोप साबित भी हो चुके हैं। लाखों-करोड़ों रुपए घोटाले सामने आने के बावजूद किसी भी कर्मचारी के खिलाफ न तो कोई एक्शन ही लिया गया और न ही भ्रष्टाचार की रोकथाम को लेकर कोई ठोस कार्रवाई ही की गई, जिसका नतीजा यह निकला कि स्टाफ के हौसले बुलंद होते गए। हर किसी ने अपनी मनमानी करते हुए भोली-भाली जनता को लूटने का काम बदस्तूर जारी रखा। हाल ही के दिनों में सामने आए बड़े-बड़े घोटालों के बाद परिवहन विभाग और अधिकारियों की साख को गहरा धक्का लगा, जिसके चलते सैक्रेटरी आर.टी.ए. ने सख्त कदम उठाने का फैसला लिया। मंगलवार को भ्रष्टाचार की इस जंग में ट्रैक पर पहले सर्जीकल स्ट्राइक को अंजाम देते हुए स्मार्ट चिप कंपनी को कड़े लहजे में कुछ कर्मचारियों का तुरंत प्रभाव से तबादला करने की हिदायतें जारी की गई। इसके बाद ट्रैक इंचार्ज अमरिंदर सिंह मान के साथ-साथ दो अन्य कर्मचारियों का मंगलवार को तुरंत प्रभाव से तबादला कर दिया गया। 

स्टाफ में बना अफरा-तफरी वाला माहौल
ट्रैक पर सुबह जैसे ही कर्मचारियों के तबादले की सूचना मिली, स्टाफ के अंदर अफरा-तफरी वाला माहौल बनने लगा। स्टाफ के अंदर इस बात को लेकर चर्चा शुरू हो गई कि किस-किस का तबादला किया जा रहा है और तबादले की असली वजह क्या है?

सुबह से लेकर शाम तक तबादला रुकवाने की जारी रही चर्चा
इंचार्ज अमरिंदर सिंह मान सुबह ट्रैक पर नहीं पहुंचे। सूत्रों की मानें तो उन्हें अपने तबादले की जानकारी मिल गई थी, जिसके बाद उन्होंने तुरंत चंडीगढ़ का रुख किया ताकि वह किसी तरह अपना तबादला रुकवा सकें। सुबह से लेकर शाम तक इसकी चर्चा जारी रही। कुछ का कहना था कि उनका तबादला रुक गया है, जबकि कुछ का मानना था कि आदेश पक्के हैं और उन्हें तुरंत प्रभाव से बदल दिया गया है। कुछ कर्मचारियों का कहना है कि चंडीगढ़ में बैठे एक उच्चाधिकारी के पास हर महीने मोटी रकम बतौर नजराना दिया जा रहा था, जिसके चलते कुछ चुनिंदा स्टाफ के ऊपर हर समय दयादृष्टि बनी रहती थी। हालांकि तबादला रुकता है या नहीं इसको लेकर स्थिति बुधवार को ही साफ होगी। मगर इतना तय है कि आने वाले दिनों में विभाग के अंदर बड़े फेर-बदल होने वाले हैं। 

पहले चरण मे हुए तीन तबादले, अगले चरण में तीन और कर्मचारियों के तबादले की संभावना
आर.टी.ए. द्वारा बरती गई सख्ती के बाद फिल्हाल पहले चरण में केवल तीन कर्मचारियों के तबादले किए जाने की सूचना प्राप्त हुई है, जबकि जल्दी ही दूसरे चरण में तीन अन्य कर्मचारियों का तबादला करने की संभावना जताई जा रही है। सूत्रों की मानें तो आर.टी.ए. ने एक साथ 6 कर्मचारियों को बदलने की हिदायतें जारी की थी। मगर स्मार्ट चिप की तरफ से स्पष्ट किया गया कि उनके पास रिप्लेसमैंट देने के लिए फिल्हाल इतने कर्मचारी नहीं है इसलिए चरणबद्ध तरीके से तबादले किए जाएंगे। 

बहु-चर्चित कर्मचारी के न बदले जाने से कई कर्मचारियों में रोष व्याप्त
इस प्रकार एकदम से हुई सर्जीकल स्ट्राइक के लिए निजी कंपनी के एक बहु-चर्चित कर्मचारी को मुख्य कारण माना जा रहा है। कई घोटालों में नाम सामने आने की वजह से अधिकतर स्टाफ उससे दूरी बना रहा था। मगर पहले चरण में उसका नाम न आने और अन्य कर्मचारियों का तबादला किए जाने से बहुत से कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। उनका कहना है कि कसूर तो केवल उसका ही था और उसे सजा देने की जगह बाकियों को बिना किसी कसूर के सजा मिल गई है। 

जनता की परेशानी और शिकायतों को लेकर उठाया कदम : आर.टी.ए. 
सैक्रेटरी आर.टी.ए. दरबारा सिंह ने कहा कि पिछले कुछ समय से आम जनता की शिकायतें आ रही थी कि कुछ कर्मचारियों का व्यवहार बेहद बुरा है। जनता को आ रही परेशानियों को देखते हुए ही सख्त कदम उठाने का फैसला लिया गया है। आने वाले समय में स्टाफ के कामकाज की समीक्षी होती रहेगी। अगर काम तसल्लीबख्श नहीं होता है तो फौरन तबादला करवाया जाएगा।

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