Edited By Updated: 05 Mar, 2017 04:38 PM
भले ही उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के प्रयासों से शहर में करोड़ों रुपए की लागत से नई ईमारतें खड़ी हुई हैं। लेकिन उक्त निर्माण कार्यों के
जलालाबाद(सेतिया): भले ही उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के प्रयासों से शहर में करोड़ों रुपए की लागत से नई ईमारतें खड़ी हुई हैं। लेकिन उक्त निर्माण कार्यों के मध्य ठेकेदारों की कथित लापरवाही के कारण आज यही ईमारतों की हालत कुछ ही वर्षों में जर्जर होती जा रही हैं। जिसकी मिसाल स्थानीय कन्या कालेज से लगाई जा सकती है। जिसे बने अभी चंद साल ही हुए हैं और अंदर से देखने से ऐसा लगता है कि शायद यह ईमारत चंद वर्ष पूर्व नहीं बल्कि लंबे समय पहले बनाई गई है। जानकारी के अनुसार वर्ष 2009 में उप चुनावों के दौरान लोगों की मांग को देखते हुए यहां 29 अगस्त 2009 को ड्रीम प्रोजेक्ट कन्या कालेज के निर्माण कार्य की नींव रखी गई थी। करीब 12 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुए इस कन्या कालेज का उद्घाटन केन्द्रीय मंत्री बीबी हरसिमरत कौर बादल द्वारा 5 दिसंबर 2011 को किया गया। लेकिन इससे पहले निर्माण कार्यों के दौरान समय-समय पर समीक्षाएं भी की थी कि कहीं कालेज के निर्माण कार्य में कोई कोताही तो नहीं हो रही। लेकिन लगता है कि उक्त अधिकारियों की समीक्षाएं सिर्फ कागजों तक ही सीमित रही हैं क्योंकि वर्तमान समय में कन्या कालेज की बिल्डिंग के हालातों को देखकर ऐसा लगता है कि शायद इस कालेज की बिल्डिंग के निर्माण कार्य में ठेकेदारों को बड़ा मुनाफा पहुंचाया गया है क्योंकि शहर में ऐसी कई ईमारतें हैं जो इससे भी करीब 10-12 वर्ष पहले की बनी हुई हैं और उनकी हालत भी ठीक है लेकिन उक्त बिल्डिंग के हालत ही सवालों के घेरे में है।
कोताही संबंधित विभाग अपने ऊपर लेने को तैयार नहीं
सरकारी कन्या कालेज की बिल्डिंग के निर्माण कार्य में हैल्थ सिविल वाटर सप्लाई, पी.डब्लयू.डी. एवं बी.एंड.आर. के अंतर्गत ही हुआ है लेकिन अब जबकि उक्त कालेज की बिल्डिंग की हालत खस्ता हो रही है तो कोई भी विभाग इसकी जिम्मेवारी लेने को तैयार नहीं है। वाटर सप्लाई विभाग कोताही की ठीकरा पीडब्लयूडी और बीएंडआर पर फोड़ रहा है तो दूसरा विभाग इस संदर्भ में वाटर सप्लाई विभाग को जिम्मेवारी ठहरा रहा है कि उक्त विभाग ने पाईपें सही नहीं डाली हैं। लेकिन सवाल यह खड़ा होता है कि आखिरकार जब काम चल रहा था तो क्या सिर्फ संबंधित अधिकारियों का ध्यान सिर्फ अपनी हिस्सेदारी की तरफ ही था और उन्होंने निर्माण कार्य की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया।
क्या कहती हैं कालेज प्रिंसीपल हरिंदर कौर बाजवा
इस संबंधी प्रिंसीपल हरिंदर कौर बाजवा ने कहा कि हमने एस.डी.एम. को लिखित में शिकायत दी थी और एस.डी.एम. द्वारा वहां पहुंच कर निरीक्षण भी किया था और एस.डी.एम. ने ठेकेदार और विभाग को रिपेयर करने के लिए आदेश जारी किए थे लेकिन रिपेयर का काम सही नही हो पाया और आज हालात ऐसे ही लगता है कि बिल्डिंग के अंदर निर्माण कार्य के समय खामिया रही हैं जिस कारण बिल्डिंग के फर्श नीचे धस रहे हैं और बाथरूम के फर्श भी धंस गए हैं और पानी की पाइपें भी लीक कर रही हैं।
क्या कहते हैं वाटर सप्लाई के एस.डी.ओ. निर्मल सिंह
इस संबंधी निर्मल सिंह का कहना है कि कालेज में बने क्लास रूम और शेष अन्य रूम में नीचे से पाइपें नहीं डाली गई हैं और बाथरूमों के फरश और दीवारों में पानी की पाईपें डाली गई हैं। लेकिन जब बाथरूम और दीवारों में डाली गई पाईपों की लीकेज के बारे में पूछा गया तो उन्होंने दबी जुबान में माना कि कहीं न कहीं गलती हुई है लेकिन बाकी बिल्डिंग की खस्ता हालत का नजला पीडब्लयूडी पर फोड़ दिया।
क्या कहते हैं पीडब्लयूडी के SDO
इस संबंधी जब पीडब्लयूडी के एसडीओ निर्मल सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि बिल्डिंग की रिपेयर के लिए फंड नहीं आया है और 31 मार्च तक फंड आने की संभावना है और बिल्डिंग की रिपेयर कर दी जाएगी और 5 वर्ष पहले बनी बिल्डिंग की खस्ता हालत के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि मैं उस समय यहां नहीं था लेकिन विभाग द्वारा निर्धारित गुणवणता के आधार पर ही बिल्डिंग बनी है।