Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Jul, 2017 08:43 AM
जिला बरनाला के किसानों को खुशहाली का प्रतीक कहा जाता था परंतु पिछले तीन-चार महीनों से तो जिले के किसानों को नजर ही लग गई है। गत दिवस फिर से एक किसान ने कर्जे के बोझ से तंग आकर पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।
बरनाला (विवेक सिंधवानी, गोयल): जिला बरनाला के किसानों को खुशहाली का प्रतीक कहा जाता था परंतु पिछले तीन-चार महीनों से तो जिले के किसानों को नजर ही लग गई है। गत दिवस फिर से एक किसान ने कर्जे के बोझ से तंग आकर पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। कर्जे के दैत्य ने बरनाला जिले का 12वां किसान निगल लिया है। वर्णनीय है कि जिला बरनाला बहुत छोटा जिला है जिसकी कुल जनसंख्या 6 लाख 32 हजार के करीब है। लगभग 35 प्रतिशत लोग ही किसानी के धंधे से जुड़े हुए हैं परंतु फिर भी 12वें किसान द्वारा आत्महत्या करना चिंता का विषय है।
मृतक किसान के सिर पर था साढ़े 4 लाख का कर्जा
मृतक किसान अजैब सिंह उर्फ मक्खन वासी धौला के पास सिर्फ 7 कनाल जमीन थी व उसके सिर आढ़तियों व बैंक का साढ़े 4 लाख का कर्जा था। उसके दो बच्चे हैं। कमाई का कोई साधन न होने कारण व कर्जा न उतरने की हालत में पिछले तीन-चार वर्षों से परेशान रहता था। परेशानी की हालत में गत दिवस उसने दोपहर करीब 3 बजे अपने घर में पंखे से लटककर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। पुलिस ने मृतक किसान की पत्नी जसवीर कौर के बयान के आधार पर कार्रवाई करते हुए पोस्टमार्टम करने उपरांत शव परिजनों हवाले कर दिया है।
वहीं हूसरी ओर महलकलां गांव कलाला में गत रात्रि एक नौजवान किसान सुखदेव सिंह (25)पुत्र गुरजंट सिंह द्वारा आत्महत्या किए जाने का मामला सामने आया है। इस संबंधी जानकारी देते हुए एस.एच.ओ. महलकलां परगट सिंह ने बताया कि मृतक किसान के पिता ने पुलिस के पास बयान दर्ज करवाए हैं कि सुखदेव सिंह पिछले कुछ दिनों से कर्जे को लेकर काफी परेशान रहता था। गत रात कोई 8.30 बजे के करीब उसने छत से छलांग लगा दी।
परिवार द्वारा उसको प्राथमिक सहायता केन्द्र महलकलां में लाया गया जहां डाक्टरों ने उसको सिविल अस्पताल बरनाला में रैफर कर दिया। डाक्टरों ने उसकी नाजुक हालत को देखते हुए बाहर रैफर कर दिया जहां उसने रास्ते में दम तोड़ दिया। मृतक नौजवान का विवाह 5 महीने पहले ही हुआ था, जिस कारण बैंकों, आढ़तियों व अन्य साहूकारों का उसके सिर कोई 30 लाख का कर्जा चढ़ चुका था जो 5 एकड़ जमीन की कृषि से उतारना असंभव था। मृतक अपने पीछे पिता गुरजंट सिंह, माता बलजीत कौर व पत्नी परमिंद्र कौर को रोते हुए छोड़ गया।
पुलिस थाना महलकलां के ए.एस.आई. परमजीत सिंह ने बताया कि मृतक किसान के पिता के बयानों के आधार पर कारवाई करते हुए पोस्टमार्टम करने के पश्चात शव वारिसों के हवाले कर दिया।
किसान के परिवार को मुआवजा देने की मांग की
बातचीत करते भाकियू उगराहां के ब्लाक उपाध्यक्ष रूप सिंह व इकाई अध्यक्ष गुरमेल सिंह, मौजूदा सरपंच राम सिंह धौला, मेजर सिंह व नछत्तर सिंह ने पंजाब सरकार से मांग की कि मृतक किसान अजैब सिंह का सारा कर्जा माफ किया जाए, मृतक किसान के बच्चों को नौकरी योग्य होने पर नौकरी दी जाए। परिवार को गुजारा करने के लिए फौरी तौर पर कोई आॢथक सहायता दी जाए।