Edited By Vatika,Updated: 10 Apr, 2020 09:05 AM
प्रमुख ज्योतिष वक्ता विनोद कुमार गुप्ता पूर्व मुख्य अभियन्ता भाखड़ा मैनेजमैंट बोर्ड ने भारतीय ज्योतिष के अतिरिक्त चाईनीज ज्योतिष का भी गहन अध्यन किया है। उनके अनुसार यह वर्ष मैटल रैट का है।
मोहाली (विशेष): प्रमुख ज्योतिष वक्ता विनोद कुमार गुप्ता पूर्व मुख्य अभियन्ता भाखड़ा मैनेजमैंट बोर्ड ने भारतीय ज्योतिष के अतिरिक्त चाईनीज ज्योतिष का भी गहन अध्यन किया है। उनके अनुसार यह वर्ष मैटल रैट का है।
सन 2009 मे शैली वू ने चाईनीज ज्योतिष की एक किताब प्रकाशित की जिसमे मैटल रैट के लिए लिखा है कि ‘यह उदासी, गम्भीर तबाही देगा। मैटल का अंग फेफड़े हैं इसलिए सांस संबंधित समस्याओं से सावधान रहें और श्वास प्रणाली के विषय में जागरूक रहे। अग्नि मैटल को पिघला देती है और पानी जो रैट का तत्व है, को उड़ा देता हैं।
इसलिए उत्तर दिशा में जीरो अंश पर जो रैट का निवास स्थान है, दीये प्रज्वलित करने शुभ हो सकते हैं। यह महामारी दिसम्बर के मास अर्थात रैट के मास जो 5 दिसम्बर से आरम्भ होता है, में शुरू हुई और मैटल रैट के वर्ष आते आते फैल गई। यह महामारी में गर्मी के मास जून तक राहत मिल सकती है। मैटल की दिशा पश्चिम है इस कारण पश्चिमी देशों में इसका प्रकोप ज्यादा है।