Edited By swetha,Updated: 25 Dec, 2019 09:26 AM
कोटकपूरा के 18 वर्षीय उत्साही विद्यार्थी आशीष मैनी ने दिसम्बर महीने की कड़ाके की ठंड में एवरैस्ट के बेस कैंप पर तिरंगा फहराकर हौसले की मिसाल दी है। उसने अपनी यात्रा के कई तजुर्बे सांझा करते हुए कैमरे में रिकॉर्ड किए यात्रा के उन एडवैंचर पलों को भी...
कोटकपूरा(नरिन्द्र):कोटकपूरा के 18 वर्षीय उत्साही विद्यार्थी आशीष मैनी ने दिसम्बर महीने की कड़ाके की ठंड में एवरैस्ट के बेस कैंप पर तिरंगा फहराकर हौसले की मिसाल दी है। उसने अपनी यात्रा के कई तजुर्बे सांझा करते हुए कैमरे में रिकॉर्ड किए यात्रा के उन एडवैंचर पलों को भी दिखाया।
आशीष मैनी ने बताया कि उसके पिता विनोद मैनी पेशे से वकील और माता अनुराधा मैनी सरकारी अध्यापक हैं। उसने बताया कि उसको बचपन से ही एडवैंचर का शौक है। पिछले महीने उसने अपनी यात्रा भारत से शुरू की और अपना पासपोर्ट लेकर वह नेपाल के काठमांडू में पहुंचा, वहां एक कम्पनी से पैकेज लेने के बाद उसे रास्ते में मदद के लिए एक गाइड मिला, जो काफी तजुर्बेकार था।
यहां से हवाई यात्रा द्वारा वह लुकला पहुंचा, जो दुनिया के सबसे खतरनाक एयरपोर्ट के तौर पर जाना जाता है और यहां से ही चढ़ाई का ट्रैक शुरू होता है। रास्ते में करीब 11 खतरनाक पुलों और छोटे-छोटे गांवों से होता हुआ 4,500 मीटर की ऊंचाई पर पहुंचा, जहां मनुष्य को सांस लेना भी कठिन होता है। आशीष ने बताया कि वहां बर्फीले तूफान किसी भी समय आ सकते हैं। उसको यात्रा दौरान 7 बर्फीले तूफानों का सामना करना पड़ा। ग्लेशियर का रास्ता पार करने के बाद माऊंट एवरैस्ट के बेस कैंप तक पहुंचा, जिसकी ऊंचाई 5335 मीटर है यहां मौसम खराब होने के कारण उसे आगे नहीं जाने दिया गया। उनके घर पर अजयपाल सिंह संधू प्रधान जिला कांग्रेस समिति, बाबू लाल मैनी, शकुंतला देवी, अनुराधा मैनी, विनोद मैनी, पवन मैनी, पद्म मैनी, राजू थापर, युद्ध वीर सिंह आदि ने विशेष तौर पर सम्मानित किया।