Edited By swetha,Updated: 26 Aug, 2019 12:01 PM
पुल बनाने वाली कम्पनी भी सवालों के घेरे में फंस गई है।
रूपनगर(विजय): चंडीगढ़ से जम्मू तक को आपस में जोड वाले रूपनगर बाईपास पर सतलुज दरिया के बने पुल की हालत ने जहां लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की कारगुजारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं, वहीं पुल बनाने वाली कम्पनी भी सवालों के घेरे में फंस गई है। एस.पी. सिंगला कम्पनी की तरफ से लगभग 3 सालों में 70 करोड़ रुपए की लागत से बने इस पुल की एक साइड से स्लैबें खिसकने को लेकर संबंधित अधिकारी घिरते हुए नजर आ रहे हैं जबकि सरकार अभी तक इस ओर गंभीर नहीं है।
बेशक सुरक्षा के लिहाज से जिला प्रशासन ने पुल के एक साइड की स्लिप रोड को बंद कर दिया है लेकिन पुल की रिपेयर के लिए अभी तक कोई कार्य नहीं किया है। वहीं इस पुल से भारी वाहनों का आवागमन अभी भी जारी है। विभाग द्वारा पिछले कई दिनों से इस पुल पर सर्वे तो जरूर करवाए जा रहे हैं परंतु अभी तक इसके बचाव के लिए कोई कार्य शुरू नहीं किया गया। पुल की इस हालत को लेकर पिछले कई दिनों से स्थानीय लोग इस मसले को उठा रहे हैं। बावजूद इसके प्रशासन व सरकार ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई।
सतलुज दरिया पर बने इस पुल का यदि नुक्सान होता है तो चंडीगढ़ से लेकर पंजाब के एक बड़े हिस्से जालंधर, अमृतसर और जम्मू तक का आपस में संपर्क प्रभावित हो सकता है। वहीं संबंधित विभाग यह मान रहा है कि पुल को ऊपर से अभी नुक्सान नहीं हो रहा है। जानकारी अनुसार पुल की दूसरी साइड की स्लैबों को भी नुक्सान पहुंच रहा है। वर्ष 1999 से लटकते आ रहे बाईपास के प्रोजैक्ट को पिछली अकाली-भाजपा सरकार के समय में 180 करोड़ रुपए की लागत से बनवाया गया था और इसी प्रोजैक्ट में सबसे अहम 70 करोड़ रुपए की लागत से सतलुज दरिया पर इसका निर्माण किया गया था।
निर्माण में हुए घपले की हो जांच
स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछली अकाली-भाजपा सरकार के समय जिले में तैनात लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की निगरानी में यह पुल बना था। इस पुल की मियाद कम से कम 100 साल होनी चाहिए थी जबकि इस पुल की स्लैबें मात्र 3 सालों में ही खिसकना शुरू हो गईं। लोगों ने सरकार से मांग की कि इस पुल के निर्माण में हुए घपले की जांच कर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
जांच के अलावा पुल के किए एक्स-रे
उक्त पुल की स्लैबें खिसकने के मामले में संबंधित विभाग पिछले कुछ दिनों से ही इस तरफ ध्यान देने लगा है। विभाग द्वारा दूरबीन एवं ड्रोन से इसकी जांच करने के अलावा इस पुल के एक्स-रे तक किए गए हैं। वहीं आई.आई.टी. रुड़की के अधिकारियों द्वारा इस पुल का सर्वे किया गया है। अब देखना यह होगा कि इतने बड़े स्तर पर सर्वे होने के बाद भी इस पुल की रिपेयर का कार्य कब शुरू होगा। साथ ही यहां पर हुई लापरवाही के लिए किन लोगों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। मीडिया द्वारा यह मामला पंजाब के मौजूदा लोक निर्माण मंत्री विजयइंद्र सिंगला के ध्यान में भी लाया गया था और कुछ महीने पहले रूपनगर आए विजयइंद्र सिंगला ने इसकी जांच के भी निर्देश दिए थे लेकिन अभी तक जांच की कोई भी रिपोर्ट सामने नहीं आई है।