Edited By swetha,Updated: 28 Jan, 2019 03:01 PM
बेअदबी की घटनाओं और उसके संबंध में हुई बहिबलकलां व कोटकपूरा गोलीकांड की घटनाओं में पूर्व एस.एस.पी. मोगा चरनजीत शर्मा की गिरफ्तारी के साथ ही स्पैशल इन्वैस्टीगेशन टीम के लिए आगे का रास्ता साफ हो गया है। टीम चरनजीत के बयानों के आधार पर ही आगे बड़े...
चंडीगढ़(रमनजीत): बेअदबी की घटनाओं और उसके संबंध में हुई बहिबलकलां व कोटकपूरा गोलीकांड की घटनाओं में पूर्व एस.एस.पी. मोगा चरनजीत शर्मा की गिरफ्तारी के साथ ही स्पैशल इन्वैस्टीगेशन टीम के लिए आगे का रास्ता साफ हो गया है। टीम चरनजीत के बयानों के आधार पर ही आगे बड़े पुलिस अधिकारियों की भूमिका चिन्हित कर कुच्छेक अधिकारियों की ओर से दर्ज करवाए गए बयानों की दोबारा समीक्षा कर अगला कदम उठाएगी। सूत्रों की मानें तो चरनजीत शर्मा की गिरफ्तारी अहम कड़ी मानी जा रही है, जिसके आधार पर ‘सिट’ की ओर से पूर्व डी.जी.पी. सुमेध सिंह सैनी तक पहुंचना आसान हो जाएगा और संभावना है कि आगामी लोकसभा चुनावों से पहले-पहले पूर्व डी.जी.पी. सैनी भी कानूनी शिकंजे में हों।
घटना पर एक नजर
बेअदबी घटनाओं के मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने के बाद सिख संगठनों के आग्रह पर सिख श्रद्धालुओं की ओर से कोटकपूरा व फरीदकोट के अन्य इलाकों में रोष प्रदर्शन शुरू किया था। 2015 के इस बड़े रोष प्रदर्शन को काबू व खत्म करने के लिए बड़े पुलिस अधिकारियों की तैनाती की गई थी। तत्कालीन एस.एस.पी. मोगा चरनजीत शर्मा भी इसमें शामिल थे और गांव बहबलकलां में उस वक्त मौजूद थे, जिस वक्त वहां शांतिपूर्वक बैठे गांववासियों पर गोलीबारी हुई थी।
इस गोलाबारी में 2 सिख युवकों की मौत हो गई थी। इस घटना को आधार बनाकर ही एस.आई.टी. शर्मा से पूछताछ करेगी और उन कडियों को जोडने का प्रयास किया जाएगा, जिनके जरिए शर्मा को आदेश देने वाले पुलिस उच्चाधिकारियों और राजनीतिक लोगों तक पहुंच की जा सके। गौरतलब है कि घटनाओं की जांच के लिए बने जस्टिस रणजीत सिंह कमीशन की ओर से ऐसे कई लिंक जोड़ते हुए तत्कालीन डी.जी.पी. सुमेध सैनी समेत कई उच्च पुलिस अधिकारियों से लेकर तत्कालीन सी.एम. प्रकाश सिंह बादल तक की भूमिका को संदेह के घेरे में रखा था।
श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह को जांच में शामिल करेगी ‘सिट’
उधर, चर्चा यह भी है कि जल्द ही श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह को भी जांच में शामिल होने व बयान देने के लिए एस.आई.टी. बुलाएगी। एस.आई.टी. की ओर से ज्ञानी गुरबचन सिंह से पूछताछ के लिए डेरा सिरसा के बलात्कार व कत्ल के मामलों में दोषी ठहराए जा चुके गुरमीत राम रहीम को माफी देने और उसके बाद उसे रद्द करने से जुड़े घटनाक्रम संबंधी सवालों को तैयार किया है। यह इसलिए भी अहम है, क्योंकि जस्टिस रणजीत सिंह कमीशन की ओर से अपनी रिपोर्ट में कहा गया था कि डेरा प्रमुख को माफी देने से सिख संगतों में व्यापक रोष पैदा हुआ था और संभवत: इस माफी के लिए ज्ञानी गुरबचन सिंह को मजबूर भी किया गया था और मजबूर करने वाली शक्ति तत्कालीन सत्तासीन राजनीतिक पार्टी थी।