Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Sep, 2017 12:26 PM
डेरा सिरसा प्रमुख को सजा के बाद डेरे के वोट बैंक के भविष्य बारे अस्पष्ट स्थिति बन गई है। इस मामले पर जिस तरह अकाली और कांग्रेस
पटियाला (जोसन): डेरा सिरसा प्रमुख को सजा के बाद डेरे के वोट बैंक के भविष्य बारे अस्पष्ट स्थिति बन गई है। इस मामले पर जिस तरह अकाली और कांग्रेस के नेताओं ने रोल अदा किया है, उस हिसाब से आगामी समय में यह वोट न ही अकाली दल और न ही कांग्रेस को जाने की संभावना है। कुछ डेरा पैरोकारों का कहना है कि इस मामले पर अकाली-भाजपा और कांग्रेस पार्टी ने प्रेमियों के हक में बढिय़ा रोल अदा नहीं किया।
बादल के बयान से डेरा प्रेमी खफा
अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल की तरफ से दिए बयान से भी डेरा प्रेमी खफा नजर आ रहे हैं। कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की तरफ से भी प्रेमियों पर की गई सख्ती से वे नाराज हो गए हैं। उधर ‘आप’ के नेता सुखपाल सिंह खैहरा ने डेरा सिरसा समेत कभी भी किसी डेरे की हिमायत न लेने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि मैं केजरीवाल से भी कहूंगा कि आगे से चुनावों के समय पंजाब में किसी भी डेरे पर न जाएं। डेरा प्रमुख के जेल जाने के बाद डेरा प्रेमी भाजपा और अकाली दल से खफा हैं। उनका मानना है कि उन्होंने भाजपा को हरियाणा के तख्त पर बिठाया परंतु खट्टर सरकार ने उनको यह ‘सिला’ दिया है।
इस साल डेरे ने अकाली-भाजपा को किया था समर्थन
राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक राम रहीम को 20 साल के लिए जेल हो जाने और इस दौरान हुई घटनाएं पंजाब और हरियाणा की राजनीति पर प्रभाव डाल सकती हैं। डेरे के संभावित प्रमुख जसमीत सिंह का ससुर हरमिन्द्र सिंह जस्सी भटिंडा से कांग्रेस का पूर्व विधायक है व भविष्य में उसकी तरफ से भी डेरे की राजनीति पर प्रभाव डाले जाने की संभावना है। हरियाणा के 44 उम्मीदवार गुरमीत राम रहीम का ‘आशीर्वाद’ लेने के लिए डेरे पर आए थे। सत्ता में आने के बाद स्पीकर कंवर पाल समेत 31 विधायक और कई मंत्री डेरे में नतमस्तक हुए। इस साल फरवरी में पंजाब विधानसभा चुनाव में डेरे ने अकाली-भाजपा गठजोड़ को समर्थन दिया था।