Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Sep, 2017 02:48 PM
इसे राइट टू इन्फॉर्मैशन एक्ट की ताकत ही कहेंगे जिसके बल पर एक आम आदमी ने 10 महीने सिस्टम से लड़ते-लड़ते गैस एजैंसी और खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा रद्द किया गया उज्ज्वला योजना का गैस कनैक्शन हासिल कर लिया है।
फाजिल्का(लीलाधर): इसे राइट टू इन्फॉर्मैशन एक्ट की ताकत ही कहेंगे जिसके बल पर एक आम आदमी ने 10 महीने सिस्टम से लड़ते-लड़ते गैस एजैंसी और खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा रद्द किया गया उज्ज्वला योजना का गैस कनैक्शन हासिल कर लिया है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना उज्ज्वला के अंतर्गत गैस चूल्हे व कनैक्शन से वंचित महिलाओं को बिल्कुल नि:शुल्क गैस कनैक्शन, गैस सिलैंडर दिया जा रहा है। केंद्र की पहल से उत्साहित पंजाब में तत्कालीन राज्य सरकार ने गैस सिलैंडर और कनैक्शन के साथ-साथ चूल्हा भी नि:शुल्क देना शुरू कर दिया था। इसी बीच पूर्व बादल सरकार के कार्यकाल के दौरान जिले के गांव जंडवाला मीरासांगला निवासी जंगीर सिंह ने अपनी पत्नी पारो बाई के नाम पर फाजिल्का गैस सर्विस पर कनैक्शन के लिए आवेदन किया था लेकिन गैस एजैंसी संचालकों ने योजना में वांछित आधार कार्ड की जांच के बाद कहा था कि पारो बाई के नाम पर पहले ही एक गैस कनैक्शन चल रहा है इसलिए उन्हें उज्ज्वला का लाभ नहीं मिल सकता। दूसरी ओर जंगीर सिंह का कहना था कि पारो बाई के नाम पर कहीं भी कोई कनैक्शन नहीं चल रहा लेकिन न तो गैस एजैंसी और न ही संबंधित खाद्य आपूर्ति विभाग में कोई सुनवाई होने पर आखिरकार जंगीर सिंह राइट-टू-इन्फॉर्मैशन की जागरूकता के लिए काम कर रही संस्था एंटी करप्शन, क्राइम कंट्रोल क्लब के पास मदद मांगने पहुंचा।
संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सर्टीफाइड आर.टी.आई. एक्टिविस्ट राजन लूना के दिशा-निर्देश पर जंगीर सिंह ने खाद्य आपूर्ति विभाग से अपने आधार कार्ड पर चल रहे गैस कनैक्शन की जानकारी 27 दिसम्बर 2016 में मांगी थी लेकिन विभाग ने मांगी गई सूचना का निर्धारित 30 दिन के भीतर कोई जवाब नहीं दिया तो जंगीर सिंह ने इसकी शिकायत राज्य सूचना आयोग के पास कर दी। विभाग की नालायकी यहां भी खत्म नहीं हुई। 2-3 बार तलब किए जाने के बाद आखिरकार जून 2017 में राज्य सूचना आयोग के पास पेश होकर यह कहा कि जिस एजैंसी संबंधी सूचना आवेदक ने मांगी है, वह एजैंसी पूरे जिले में नहीं है। दरअसल आवेदक ने इंडेन गैस एजैंसी के नाम से सूचना मांगी थी जबकि गैस एजैंसी का नाम फाजिल्का गैस एजैंसी था। महज इतनी-सी गलती के लिए विभाग द्वारा लगातार 7 महीने आवेदक को सूचना नहीं दी गई। साथ ही यह खुलासा भी हुआ कि एजैंसी का नाम गलत लिखा होने संबंधी जानकारी का पत्र जनवरी 2017 में ही तैयार कर लिया गया था जिसकी डिलीवरी आवेदक को जून माह में की गई। राज्य सूचना आयोग ने इस पर कड़ा नोटिस लेते हुए विभाग को फटकार लगाई और मांगी गई जानकारी उपलब्ध करवाने के निर्देश देते हुए 26 सितम्बर को पेश होकर स्थिति स्पष्ट करने के आदेश दिए थे। चूंकि ये सारी लापरवाही विभाग की थी इसलिए 26 सितम्बर को पेशी के मौके फजीहत से बचने के लिए 25 सितम्बर को ही जंगीर सिंह को बुलाकर उनकी पत्नी पारो बाई के नाम पर उज्ज्वला योजना का कनैक्शन जारी कर दिया गया है।