इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट की संपत्तियों की 15 दिन से नहीं हुई रजिस्ट्रियां

Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Nov, 2017 07:17 AM

registrations not received for 15 days from the property of improvement trust

इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट की संपत्तियों की पिछले 15 दिनों से रजिस्ट्रियां नहीं हो पा रही हैं जिसके चलते पब्लिक परेशान है। इसका कारण यह है कि ट्रस्ट के ई.ओ. के पास रजिस्ट्री करवाने की परमिशन देने की पावर नहीं है। नियमों के मुताबिक रजिस्ट्री करवाने की पावर...

जालंधर (पुनीत): इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट की संपत्तियों की पिछले 15 दिनों से रजिस्ट्रियां नहीं हो पा रही हैं जिसके चलते पब्लिक परेशान है। इसका कारण यह है कि ट्रस्ट के ई.ओ. के पास रजिस्ट्री करवाने की परमिशन देने की पावर नहीं है। नियमों के मुताबिक रजिस्ट्री करवाने की पावर ट्रस्ट के चेयरमैन के पास होती है। आम तौर पर चेयरमैन सैक्शन 20 के तहत रजिस्ट्री करवाने की पावर ट्रस्ट के ई.ओ. को दे देते हैं जिससे ई.ओ. रजिस्ट्री करवाने की इजाजत देता है।

ट्रस्ट के नए चेयरमैन डा. बसंत गर्ग ने यह पावर ई.ओ. जतिन्द्र सिंह को नहीं दी है जिसके चलते पिछले 15 दिनों से रजिस्ट्रियां नहीं हो पा रही हैं। लोग रोजाना ट्रस्ट कार्यालय पहुंच रहे हैं लेकिन उन्हें निराश होकर वापस जाना पड़ रहा है।डा. बसंत गर्ग से पहले चेयरमैन जालंधर के डी.सी. वरिन्द्र शर्मा थे जिन्होंने रजिस्ट्रियां करवाने की पावर ई.ओ. को दे रखी थी। 

राजस्व विभाग को उठाना पड़ रहा वित्तीय नुक्सान
रजिस्ट्रियां न होने के कारण राजस्व विभाग को वित्तीय नुक्सान उठाना पड़ रहा है। तहसील काम्पलैक्स में देखने में आता है कि रूटीन में कई रजिस्ट्रियां इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट की संपत्तियों से संबंधित आती हैं जिनका राजस्व लाखों रुपए बनता है लेकिन अब पिछले काफी समय से इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट कार्यालय से रजिस्ट्रियां नहीं आ रहीं। इसके चलते ट्रस्ट को भी नुक्सान उठाना पड़ रहा है क्योंकि जिस व्यक्ति ने रजिस्ट्री करवानी होती है वह ट्रस्ट की पैंङ्क्षडग किस्तें, नॉन कंस्ट्रक्शन चाॢजस जमा करवाता है लेकिन अब रजिस्ट्रियां न होने के बारे लोगों को पता चल रहा है जिसके चलते लोग ट्रस्ट में बकाया राशि जमा करवाने के प्रति रुचि नहीं दिखा रहे। 

अष्टाम ड्यूटी 6 प्रतिशत से कम होने की उम्मीद
बताया जाता है कि कई लोगों को उम्मीद है कि अष्टाम ड्यूटी 6 प्रतिशत से भी कम हो सकती है। इससे पहले 9 प्रतिशत अष्टाम ड्यूटी वसूल की जाती थी लेकिन पिछले समय के दौरान इसे कम करके 6 प्रतिशत कर दिया गया। चूंकि अब निगम चुनाव सर पर हैं तो लोगों को ऐसी उम्मीद है कि अष्टाम ड्यूटी अब इससे कम होगी जिससे लोगों को राहत मिलेगी। अब देखना होगा कि रजिस्ट्रियां कब शुरू होती हैं और अष्टाम ड्यूटी कम होती है या लोगों की उम्मीदों पर पानी फिरता है।

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