Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Sep, 2017 08:19 AM
शहर में आए दिन हो रहे सड़क हादसों से प्रशासन कोई सबक लेता नहीं दिख रहा, जिस कारण सड़क दुर्घटनाएं बढ़ती जा रही हैं।
जालंधर (चोपड़ा) : शहर में आए दिन हो रहे सड़क हादसों से प्रशासन कोई सबक लेता नहीं दिख रहा, जिस कारण सड़क दुर्घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। भीड़भाड़ वाले बाजारों (नो-एंट्री जोन) में पाबंदी के बावजूद भारी वाहन धड़ल्ले से प्रवेश कर रहे हैं परंतु ट्रैफिक पुलिस आंखें मूंदे बैठी है। ट्रक, ट्रालियां, टैंपो व अन्य चौपहिया वाहन अंदरूी बाजारों में घुसकर लोडिंग-अनलोडिंग करते हैं जिस कारण ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा जाती है और वाहनों की लंबी कतारें लग जाती हैं।
यूं तो कमिश्ररेट पुलिस ने सुबह 8 से लेकर रात 8 बजे तक भारी वाहनों के शहर में प्रवेश पर पाबंदी लगाई हुई है परंतु इसे अमलीजामा पहनाने में पुलिस विभाग कतई गंभीर दिखाई नहीं देता। पुलिस नाकों के बावजूद भारी वाहन आसानी से नो-एंट्री जोन में प्रवेश पा लेते हैं। ऐसा ही नजारा रेलवे रोड, भगत सिंह चौक, अड्डा होशियारपुर, माई हीरां गेट, वाल्मीकि गेट के अंदरूनी बाजारों में रोजाना देखने को मिलता है। इस दौरान अक्सर ड्यूटी पर तैनात ट्रैफिक पुलिसकर्मी नदारद रहते हैं।
वन-वे जोन में भी धड़ल्ले से करते हैं प्रवेश
पाबंदी के बावजूद भीतरी बाजारों में घुसने वाले वाहन वन-वे जोन में भी धडल्ले से प्रवेश पा लेते हैं। कमिश्ररेट पुलिस ने शहर के भीतरी बाजारों की कुछ सड़कों की ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए इन सड़कों को वन-वे घोषित किया हुआ है परंतु ट्रक, ट्रालियां व टैंपो का इन सड़कों पर दिखाई देना साधारण बात है।
ट्रैफिक पुलिस की मिलीभगत से होती है कानून की उल्लंघना
रोजाना शहर भर की सड़कों पर नाके लगाकर दो-पहिया वाहनों की धरपकड़ करके उनके चालान काटने वाली ट्रैफिक पुलिस को शायद नियमों को ताक पर रखने वाले भारी वाहन दिखाई नहीं देते हैं।
उक्त वाहन पाबंधी के समय में बाजारों में कैसे चल रहे हैं इसको पूछने की कोई पुलिसकर्मी कोशिश नहीं करता, क्योंकि उक्त वाहन पहले से ही ट्रेैफिक पुलिस की मिलीभगत के चलते ही ऐसा कर रहे होते हैं और अपने साथियों द्वारा दी गई रियायत पर दूसरे कर्मी उक्त वाहनों का चालान काटने की बजाय उन्हें गंतव्य की तरफ रवाना कर देते हैं।