Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Dec, 2017 10:14 AM
10 रुपए का सिक्का लोगों के गले की फांस बनता जा रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक की करंसी को भारत में ही नकली है, कहकर लोग लेने से इंकार किया जा रहा है।
अमृतसर (कक्कड़): 10 रुपए का सिक्का लोगों के गले की फांस बनता जा रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक की करंसी को भारत में ही नकली है, कहकर लोग लेने से इंकार किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार पान-बीड़ी, खोखे वाले, सब्जी विक्रेता तथा अन्य लोग, जिनमें ज्यादातर रेहड़ी-फड़ी वाले हैं, वे 10 रुपए के सिक्के को नकली है बताकर नहीं ले रहे, जबकि इस बाबत पहले भी कई बार समाचार प्रकाशित हो चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद भी 10 रुपए के सिक्के यानि कि भारतीय रिजर्व बैंक को चैलेंज किया जा रहा है।
वहीं दूसरी ओर भारतीय रिजर्व बैंक के वक्ता की ओर से इस बाबत स्पष्ट किया गया है कि इस के नकली होने के बारे में जो समाचार आ रहे हैं, वे झूठे हैं। दूसरी तरफ नगर व अन्य नगरों के बाजारों में भी यही प्रक्रिया देखने व सुनने को मिल रही है।
इतना ही नहीं, कुछ लोगों ने तो यह भी बताया कि यदि किसी भिक्षा मांगने वाले को 10 रुपए का सिक्का दिया जाता है तो वह कहता है कि बाबू जी इसका हम क्या करेंगे, आप कागज के नोट वाले पैसे दे दो। वहीं नगर के खुदरा बाजारों में खुले पैसों के लेन-देन में 10 रुपए के सिक्के की पूरी तरह से अनदेखी हो रही है। इतना ही नहीं, घरों में बच्चे भी 10 रुपए के सिक्के के स्थान पर कागज के 10 रुपए की मांग करते हैं।
जानकारी के अनुसार खुदरा बाजार में ही कई स्थानों पर लोग 10 रुपए का सिक्का ले भी रहे हैं तथा दे भी रहे हैं, लेकिन यदि किसी एक व्यक्ति के दिमाग के भीतर 10 रुपए के सिक्के के नकली होने की बात घूम जाती है तो वह आगे 100 लोगों को इस की जानकारी देकर भारतीय रिजर्व बैंक को चैलेंज करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने से संकोच नहीं करता है।