सीरिया नहीं पहुंचेगी पंजाब की ड्रग

Edited By Sonia Goswami,Updated: 16 Apr, 2018 09:07 AM

punjab s drug will not reach syria

पंजाब में चिट्टे व अन्य नशों के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल हो रही और विदेशों तक अपने ‘स्वाद’ का दायरा बढ़ा चुकी दर्द निवारक दवा ट्रैमाडॉल के एक्सपोर्ट को लेकर अब नियमों में बदलाव किया गया है। यह बदलाव पंजाब के फूड एंड ड्रग्स  एडमिनिस्ट्रेशन के साथ...

चंडीगढ़(रमनजीत सिंह): पंजाब में चिट्टे व अन्य नशों के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल हो रही और विदेशों तक अपने ‘स्वाद’ का दायरा बढ़ा चुकी दर्द निवारक दवा ट्रैमाडॉल के एक्सपोर्ट को लेकर अब नियमों में बदलाव किया गया है। यह बदलाव पंजाब के फूड एंड ड्रग्स  एडमिनिस्ट्रेशन के साथ हुई बैठकों के बाद केंद्र की संबंधित एजैंसीज ने किया है। नियमों में बदलाव के बाद अब ट्रैमाडॉल को विदेशों में एक्सपोर्ट करने से पहले संबंधित मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी को विदेशी कंपनी के ‘असली’ होने की पुष्टि करानी होगी। इसके साथ ही ट्रैमाडॉल एक्सपोर्ट करने के लिए होने वाले निर्माण को भी कंट्रोल में रखने संबंधी बदलाव किए गए हैं। 

 

क्या है ट्रैमाडॉल
ट्रैमाडॉल हाईड्रोक्लोराइड सॉल्ट को दर्द निवारक एवं विद्ड्रॉल सिमटम्स के ट्रीटमैंट के लिए इस्तेमाल किया जाता है। नशा छोडऩे के समय होने वाली परेशानियों डिप्रैशन, बदन टूटना, अनियंत्रित मनोस्थिति को इसके इस्तेमाल से कंट्रोल करने का प्रयास किया जाता है।  खासकर सिंथैटिक ड्रग्स को छोडऩे के वक्त इसका इस्तेमाल जरूरी समझा जाता है ताकि मरीज को कंट्रोल्ड तरीके से मैडिसिन के जरिए नशे से दूर करके नॉर्मल लाया जा सके। हालांकि ट्रैमाडॉल भी हैबिट फॉॄमग ड्रग की कैटेगरी में आती है और डॉक्टर के लिखे जाने के बाद ही उपलब्ध होती है, लेकिन पंजाब में ट्रैमाडॉल को नशे के लिए इस्तेमाल करने के कई मामले सामने आ चुके हैं और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने भी केंद्र को इस दवा को एन.डी.पी.एस. एक्ट की लिस्ट में शामिल करने के लिए लिखा था, ताकि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो व पुलिस इस दवा को नशे के तौर पर बेचने वालों पर कार्रवाई कर सकें। ड्रग्स एंड कॉस्टमैटिक एक्ट के तहत कवर होने की वजह से पुलिस या अन्य सुरक्षा एजैंसी बिना ड्रग इंस्पैक्टर के कार्रवाई नहीं कर पातीं। 


एक्सपोर्ट लाइसैंसिंग रूल्स में बदलाव
ट्रैमाडॉल के एक्सपोर्ट को लेकर उठे मुद्दे के बाद फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने अमृतसर की संबंधित एक्सपोर्ट कंपनी व मैन्यूफेक्चरिंग कंपनी के लाइसैंस को सस्पैंड कर दिया। बाद में केंद्रीय एजैंसीज के साथ बैठकों में चर्चा की गई कि संबंधित कंपनी को एक्सपोर्ट व मैन्यूफैक्चरिंग के लिए 2013 में अनुमति प्रदान की गई थी जोकि चार वर्ष तक इस्तेमाल होती रही। इससे दवा के निर्माण की संख्या पर नियंत्रण रखना संभव नहीं है क्योंकि दवा निर्माता द्वारा ही यह पूरा ब्यौरा उपलब्ध कराया जाना है। साथ ही ईमेल से प्राप्त हुए ऑर्डर के आधार पर निर्माण अनुमति प्रदान करना भी सही नहीं माना गया। 

 

एक वर्ष में ऑर्डर करना होगा पूरा
पंजाब व केंद्र सरकार के अधिकारियों की दिसंबर 2017 व जनवरी 2018 में हुई बैठकों के बाद फैसला लिया गया कि हैबिट फॉर्मिंग ड्रग खासकर ट्रैमाडॉल के एक्सपोर्ट संबंधी अनुमति के लिए आवेदनकत्र्ता कंपनी को संबंधित विदेशी कंपनी के उस देश के प्रशासन द्वारा सत्यापित दस्तावेज भी उपलब्ध कराने होंगे। यह भी सुनिश्चित करना होगा कि जिस देश के लिए निर्यात की अनुमति है, दवा की सप्लाई वहीं हुई है। एक्सपोर्ट ऑर्डर को सिर्फ एक वर्ष के भीतर ही पूरा करना होगा। वहीं सभी प्रदेशों के ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन को अधिकार दिया कि नियमों की अनदेखी पर दवा निर्माता व निर्यातक कंपनी के लाइसैंस को कैंसिल किया जा सकेगा। वहीं राज्यों के साथ संयुक्त टीमें बनाकर ट्रैमाडॉल निर्माण की अनुमति हासिल करने वाली कंपनियों की जांच करने को भी हरी झंडी दे दी है। 


क्यों पड़ी नियमों में बदलाव की जरूरत
नवंबर, 2017 में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के जोनल ऑफिस को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सूचना भेजी थी कि अमृतसर की एक दवा निर्माता कंपनी द्वारा एक्सपोर्ट की गईं लाखों ट्रैमाडॉल गोलियां सीरिया के आतंकियों के पास पहुंचने का संदेह है, जिसका कुछ हिस्सा इटली ने पकडऩे का दावा किया था। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने उक्त मैन्यूफेक्चरिंग कंपनी की जांच की तो पता चला कि कंपनी को ट्रैमाडॉल के एक्सपोर्ट के लिए ऑर्डर दुबई की एक कंपनी ने दिया था और केंद्रीय ड्रग संस्थान से कंपनी को ट्रैमाडॉल तैयार करने की अनुमति मिली थी। कंपनी ने 32 टन दवा के निर्माण, निर्यात संबंधी सभी औपचारिकताएं पूरी की थीं और दवा की तीन कन्साइनमैंट्स को मुंबई के एक पोर्ट से लीबिया के लिए भेजा था, जिसे वाया श्रीलंका जाना था, लेकिन दुबई की कंपनी द्वारा बताई गई लीबिया, सीरिया की कंपनियों की सत्यता को लेकर संदेह पैदा हुआ था। 


यह सही है कि ट्रैमाडॉल के निर्यात व निर्माण संबंधी नियमों में कुछ बदलाव किए गए हैं। केंद्रीय नियामक और पंजाब सेहत विभाग के अधिकारियों की बैठकों के बाद यह बदलाव हुए हैं। इस संबंध में मैंने विधानसभा में भी जानकारी दी थी।                   -ब्रह्म महिंद्रा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण व संसदीय कार्य मंत्री पंजाब।

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