Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Feb, 2018 11:29 AM
अवैध कॉलोनियों को वैध करने से पहले ही पंजाब सरकार आंकड़ों में उलझ गई है।
चंडीगढ़(अश्वनी कुमार): अवैध कॉलोनियों को वैध करने से पहले ही पंजाब सरकार आंकड़ों में उलझ गई है। आवास एवं शहरी विकास विभाग अलग राग अलाप रहा है तो कैबिनेट सब कमेटी अलग। आवास एवं शहरी विकास विभाग की 2018 में जारी ड्राफ्ट पॉलिसी में कहा गया है कि 2013 व 2014 सहित 2016 में अवैध कॉलोनियों को वैध करने की पॉलिसी के तहत 6,662 आवेदन प्राप्त हुए थे। अभी भी काफी कॉलोनियां अवैध हैं, इसलिए सरकार 2018 में नई पॉलिसी घोषित करने जा रही है। इसके उलट, 2016 में शिअद-भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम वर्ष में घोषित पॉलिसी में कहा था कि 2013 व 2014 में विभाग के पास 10,154 अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए आवेदन प्राप्त हुए। इससे पहले 2014 में शिअद-भाजपा सरकार ने पॉलिसी घोषित की तो कहा था कि 2013 में विभाग के पास 6,404 आवेदन प्राप्त हुए थे।
इसी कड़ी में,2013 में जब पहली बार पूर्व शिअद-भाजपा सरकार ने द पंजाब लॉस (स्पैशल प्रोवीजन) एक्ट 2013 को अमल में लाने का ऐलान किया तो विधानसभा में उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने कहा था कि राज्य सरकार ने सर्वे कर अवैध कॉलोनियों का डाटा एकत्रित किया है जिसमें 5,340 कॉलोनियां अवैध पाई गई हैं। इनमें रहने वालों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए सरकार द पंजाब लॉस (स्पैशल प्रोवीजन) एक्ट, 2013 को अमल में लाने जा रही है।
मुख्यमंत्री स्तर पर अवैध कॉलोनियों के संबंध में गठित कैबिनेट सब कमेटी के आंकड़े अलग हैं। कमेटी के नए सर्वेक्षण के मुताबिक 7,301 गैर-कानूनी कॉलोनियां हैं जिनमें से 2,906 नगरपालिका की सीमा के अंदर व 4,395 बाहर हैं। आंकड़ों के आधार पर सी.एम. कैप्टन अमरेंद्र ने अवैध कॉलोनियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की हिमायत भी की है।
कहां गए आवेदन, बड़ा सवाल: पूर्व शिअद-भाजपा सरकार की तुलना कांग्रेस के आंकड़ों में अंतर ने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर आवेदन कहां चले गए। आवास एवं शहरी विकास विभाग पहले ज्यादा आंकड़े जारी कर रहा था तो अब कम क्यों बता रहा है। सवाल यह है कि 2016 में शिअद-भाजपा सरकार के समय पॉलिसी घोषित करने से पहले अवैध कॉलोनियों का आंकड़ा 10,154 था तो घोषित होने के बाद यह कम क्यों हो गया।
शिअद-भाजपा सरकार के बाद अब कांग्रेस सरकार का दावा
कैबिनेट सब-कमेटी के स्तर पर आंकड़े घोषित कर कांग्रेस सरकार दावा कर रही है कि पहली बार अवैध कॉलोनियों की इन्वैंटरी बनाई गई है। इसके मुताबिक प्रदेश में 7,301 अवैध कॉलोनियां हैं। वहीं शिअद-भाजपा सरकार ने 2013 में प्रदेश के सर्वे में पाया था कि 5,340 अवैध कॉलोनियां हैं जो 20,600 एकड़ भूमि पर बनी हुई हैं। यह अलग बात है कि 2013 में पॉलिसी घोषित होने के बाद अवैध कॉलोनियों की संख्या में एकदम उछाल आ गया।
प्लॉट व बिल्डिंग मालिकों के आंकड़ों पर भी सवाल
अवैध कॉलोनियों के साथ प्लॉट और बिल्डिंग मालिकों के आंकड़े भी पशोपेश की स्थिति पैदा कर रहे हैं। 2016 में शिअद-भाजपा सरकार ने पॉलिसी घोषित करने से पहले आंकड़े जारी किए थे। कहा था कि प्रदेश में अवैध तरीके से प्लॉट और बिल्डिंग के संबंध में विभाग के पास 429748 आवेदन प्राप्त हुए। इसके उलट, अब 2018 में ड्राफ्ट पॉलिसी जारी कर सरकार दावा कर रही है कि प्लॉट और बिल्डिंग के संबंध में अब तक 333634 आवेदन ही प्राप्त हुए हैं।
कमेटी के आंकड़े सबसे ज्यादा विश्वसनीय : रवि
कैबिनेट सब कमेटी के आंकड़े ज्यादा विश्वसनीय हैं। बाकायदा अब इन्वैंटरी बनाई गई है जबकि पहले ऐसी कोई पहल तक नहीं की गई थी। जहां तक बात पूर्व में जारी आंकड़ों की है तो उस बारे में जानकारी नहीं है।
-रवि भगत, स्पैशल सैक्रेटरी, हाऊसिंग, पंजाब