Edited By Kalash,Updated: 10 Jun, 2025 06:38 PM

टोल प्लाजा पर मिलने वाली मुफ्त सुविधा को बंद कर दिया गया है
तरनतारन (रमन): अमृतसर-बठिंडा नेशनल हाईवे 54 पर गांव उस्मा में मौजूद टोल प्लाजा पर मिलने वाली मुफ्त सुविधा को बंद कर दिया गया है, जिसके चलते कंपनी द्वारा अब इस टोल के 20 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले और किसान संघर्ष कमेटी के सदस्यों को या तो टोल देना होगा या फिर मासिक पास बनवाना होगा। उल्लेखनीय है कि सोमवार सुबह टोल प्लाजा के 20 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले और रोजाना इसे पार करने वाले वाहन चालकों को दी जाने वाली मुफ्त रियायत बंद कर दी गई थी। इतना ही नहीं, टोल प्लाजा पर लंबी कतारें देखी गईं क्योंकि किसान संघर्ष समिति के सदस्यों को इस टोल प्लाजा को पार करने की अनुमति नहीं दी गई।
कंपनी द्वारा प्रति वाहन 350 रुपये टोल वसूलने के निर्णय का चालकों ने खुलकर विरोध किया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस दौरान वाहन चालक टोल प्लाजा कर्मचारियों से बहस और धक्का-मुक्की करते नजर आए। अधिकांश वाहन चालक कंपनी द्वारा लगाए गए स्टॉपर्स और बैरिकेड्स को जबरन पार करते देखे गए। उस्मा गांव में प्रतिदिन 9 से 10 हजार वाहन टोल प्लाजा से गुजरते हैं, जबकि शनिवार और रविवार को यह संख्या बढ़कर 12 हो जाती है। 2021 से इस कंपनी की देखरेख कर रही पाथ इंडिया कंपनी का ठेका 6 जून 2025 को समाप्त होने के बाद ऋद्धि सिद्धि कंपनी ने इसका कार्यभार संभाल लिया। इसके बाद नई कंपनी के कार्यभार संभालने के बाद तरनतारन क्षेत्र में उस्मा टोल प्लाजा के 20 किलोमीटर के दायरे में आने वाले वाहन चालकों के लिए निशुल्क सुविधा बंद कर दी गई।
सोमवार की सुबह जब क्षेत्र के स्थानीय वाहन चालकों से उस्मा टोल प्लाजा पार करते समय 350 रुपये प्रति वाहन टैक्स मांगा गया तो उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया और विरोध करना शुरू कर दिया। देखते ही देखते इस टोल प्लाजा के दोनों ओर कई घंटों तक लंबी कतारें लग गईं, जिससे लोगों को काफी असुविधा हुई। किसान संघर्ष समिति ने जहां मौके पर इसका विरोध किया, वहीं सोशल मीडिया पर भी लोगों ने टोल प्लाजा कर्मचारियों की बदमाशी के खिलाफ आवाज उठाई।
इस संबंध में जब उस्मा टोल प्लाजा का संचालन करने वाली रिद्धि सिद्धि कंपनी के मैनेजर सतेंद्र कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पिछली कंपनी ने क्षेत्र के 20 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले वाहन चालकों को मुफ्त टोल प्लाजा की सुविधा दी थी, लेकिन भारत सरकार ने इस सुविधा को मानने से इंकार कर दिया। मैनेजर ने बताया कि नई कंपनी द्वारा देशभर में लागू टोल प्लाजा कानून के तहत निशुल्क सुविधा नहीं दी जा रही है। मैनेजर ने बताया कि रोजाना आने-जाने वाले वाहनों की सुविधा के लिए कंपनी 350 रुपये प्रति माह (सफेद नंबर प्लेट वाले चालकों के लिए) की दर से पास जारी कर रही है। जिसका वाहन चालक लाभ ले सकते है।
उन्होंने बताया कि सामान्यतः फास्टैग वाले वाहन चालक से इस टोल प्लाजा को पार करने के लिए 250 रुपये का शुल्क लिया जाता है। जबकि, नकद भुगतान करने वाले वाहन चालकों से केवल टोल पार करने के लिए 330 रुपये प्रति वाहन शुल्क लिया जाता है। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर मंगलवार को किसान संघर्ष समिति और टोल कंपनी कर्मचारियों के बीच विशेष बैठक होगी। उन्होंने वाहन चालकों से अपील की है कि वे दो दिन के भीतर अपना मासिक पास बनवा लें। मैनेजर सतेंद्र कुमार ने बताया कि पीले कार्ड धारक पत्रकारों को इस टोल प्लाजा को पार करने के लिए निशुल्क सुविधा प्रदान की जाती रहेगी।
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