Edited By Updated: 16 Jan, 2017 12:20 PM
पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों का चयन हो या अमृतसर लोकसभा उप-चुनाव के लिए उम्मीदवार उतारने का, भाजपा सिख चेहरों को विशेष महत्व दे रही है।पार्टी ने लोकसभा उप-चुनाव और विधानसभा चुनाव के लिए चार सिख चेहरों को उतारा है।
चंडीगढ़(अनिल भारद्वाज): पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों का चयन हो या अमृतसर लोकसभा उप-चुनाव के लिए उम्मीदवार उतारने का, भाजपा सिख चेहरों को विशेष महत्व दे रही है।पार्टी ने लोकसभा उप-चुनाव और विधानसभा चुनाव के लिए चार सिख चेहरों को उतारा है। इनमें एकमात्र लोकसभा सीट अमृतसर से राजिंद्र मोहन छीना सहित विधानसभा क्षेत्र राजपुरा से हरजीत सिंह ग्रेवाल, फिरोजपुर से सुखपाल सिंह नन्नू और दसूहा से सुखजीत कौर साही प्रत्याशी हैं। इस प्रकार भाजपा ने पहले के मुकाबले इस बार सिख नेताओं को प्रत्याशियों के रूप में अधिक महत्व दिया है। हालांकि, 2012 विधानसभा चुनाव में भी पार्टी कोटे की 23 में से 3 सीटों पर सिख चेहरे थे लेकिन इस बार अमृतसर लोकसभा सीट पर भी सिख उम्मीदवार का होना काफी अहम है। 2012 में सुखपाल सिंह नन्नू फिरोजपुर, डा. नवजोत कौर सिद्धू अमृतसर पूर्वी और अमरजीत सिंह साही दसूहा से चुनाव मैदान में थे। साही और डा. सिद्धू को जीत हासिल हुई जबकि नन्नू हार गए थे।
फिर साही के निधन के बाद उनकी पत्नी सुखजीत कौर को दसूहा उप-चुनाव से टिकट दी गई और वह जीतने में कामयाब रहीं। इसके बाद 2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पंजाब में अपने कोटे की तीनों सीटों पर हिंदू प्रत्याशियों को मैदान में उतारा। अमृतसर से अरुण जेतली, गुरदासपुर से विनोद खन्ना और होशियारपुर से विजया सांपला मैदान में थे। अमृतसर से कांगे्रस ने पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह को टिकट दी और वह जेतली को हराने में कामयाब रहे। उस वक्त ये चर्चाएं थीं कि भाजपा ने अमृतसर से किसी सिख चेहरे को न उतारकर गलती की है। जेतली की हार में यह एक बड़ा फैक्टर माना जाता है।
इससे पहले भाजपा प्रत्याशियों के रूप में दया सिंह सोढी और नवजोत सिंह सिद्धू अमृतसर लोकसभा सीट से चुनाव जीतते रहे हैं। सोढी एक बार तो सिद्धू ने तीन बार यहां से जीत हासिल की। इसी प्रकार सुखपाल सिंह नन्नू और अमरजीत सिंह साही ने 2007 में भी विधानसभा चुनाव जीते थे। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने इस बार जहां सुखजीत कौर साही व सुखपाल नन्नू को फिर टिकट दी है, वहीं हरजीत सिंह ग्रेवाल के रूप में एक और सिख चेहरा विधानसभा चुनाव मैदान में उतारा है। उधर, छीना के रूप में अमृतसर लोकसभा सीट से सिख चेहरे को मैदान में उतारे जाने को भाजपा का सही निर्णय माना जा रहा है।