Edited By Updated: 09 Dec, 2016 01:36 PM
इस सीट पर ज्यादातर सत्ता में आने वाली पार्टी के उलट या फिर आजाद उम्मीदवार ही विधायक का चुनाव जीतते आ रहे हैं, जिसके चलते यह हलका विकास की दृष्टि से पिछड़ा हुआ है।
धूरीः इस सीट पर ज्यादातर सत्ता में आने वाली पार्टी के उलट या फिर आजाद उम्मीदवार ही विधायक का चुनाव जीतते आ रहे हैं, जिसके चलते यह हलका विकास की दृष्टि से पिछड़ा हुआ है।
विधायक का दावा
साल 2015 में हुए उप चुनाव में जीत हासिल करने के चलते मुझे धूरी हलके की सेवा करने के लिए बेहद कम समय मिला है। बावजूद इसके मैंने अपनी ओर से हलके के विकास में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी, जिसके चलते जहां शहर में 100 प्रतिशत सीवरेज का काम लगभग पूरा होने वाला है, वहीं गांवों की सड़कों की हालत भी बेहतर हुई है। इसके अलावा हलके में सरकारी कालेज खोलने का वायदा भी पूरा किया गया है। अब पार्टी की ओर से मेरी जिम्मेदारी सुनाम हलके की लगाई गई है।
लोगों ने ऐसे जताई प्रतिक्रिया शहर में से गुजरता रजबाहा बीमारियों और भय का कारण
होलसेल ट्रेडर्ज एसोसिएशन, धूरी के संरक्षक प्रेम गर्ग का कहना है कि शहर के बिल्कुल बीच से गुजरते रजबाहे के साल में लगभग 6 महीने बंद रहने के कारण इसमें जमा रहते पानी में से कुछ दिनों बाद बदबू आने लगती है।
यही नहीं अपितु इसमें जीव-जंतुओं और मच्छरों आदि के पनपने से यहां डेंगू जैसी गंभीर बीमारियां फैलने का भय बना रहता है। जब इसमें पानी आता है, तो यहां जान जाने का भय बना रहता है। लगभग 10 फुट गहरे इस रजबाहे के दोनों किनारों पर कोई बाड़ या दीवार न होने के कारण अक्सर यहां जान व माल का नुक्सान होता रहता है। सरकार को चाहिए कि इसे ऊपर से ढककर या फिर शहर के बाहर से निकाल कर इसका पक्के तौर पर बंदोबस्त करे।
बस स्टैंड तो है परन्तु बसें नहीं आती
इंडस्ट्री चैंबर धूरी के सचिव अमृत गर्ग रिंकू का कहना है कि शहर में बस स्टैंड तो है लेकिन ज्यादातर बसें बाईपास से होकर ही निकल जाती हैं। बस स्टैंड में बसों के न आने के कारण लोगों को कक्कड़वाल चौक में ही बसों का इंतजार करना पड़ता है, जहां पर बैठने, पीने वाले पानी और विशेषतया महिलाओं के लिए किसी भी तरह के शौचालय आदि के प्रबन्ध तक नहीं हैं। यदि किसी बढिय़ा जगह पर बस स्टैंड बनाया जाता है, तो यह हलके के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होता।
बैंक स्क्वेयर कहीं और हो तबदील
श्री सनातन धर्म सभा, धूरी के प्रधान देविन्द्र कुमार ङ्क्षबदा : बैंक रोड पर महज 100 मीटर के दायरे में 10 के करीब बैंकों की शाखाएं होने के कारण यहां हर समय ट्रैफिक जाम रहता है। खासकर जब स्कूलों में छुट्टी हो जाती है, तो उस समय इन बैंकों के बाहर खड़े वाहनों और स्कूली बसों के कारण लोगों को मजबूरन लंबे समय तक ट्रैफिक जाम में फंसे रहना पड़ता है। सरकार को बैंक खोलने की मंजूरी देने से पहले वाजिब पार्किंग व्यवस्था होने की शर्त की ओर ध्यान देना चाहिए था। यदि बैंक स्क्वेयर कहीं और तबदील होता है तो यह लोगों को मुसीबतों से छुटकारा दिलाएगा।
ज्यादातर बंद रहता है लोहा बाजार में स्थित मुख्य रेलवे फाटक
भारत विकास परिषद (मुख्य शाखा) धूरी के प्रधान सुरेश बांसल का कहना है कि स्थानीय लोहा बाजार में स्थित रेलवे फाटक के ज्यादातर समय बंद रहने के कारण यह लोगों के लिए मुसीबत का सबब बना हुआ है। हालांकि यहां पर लाइट आयरन ओवरब्रिज पास हो चुका है लेकिन यह इस समस्या का कोई ठोस हल नही है, इससे न सिर्फ यहां के बाजारों में जाम लगा रहेगा, अपितु यहां हादसे होने का खतरा भी बना रहेगा।