Edited By Updated: 31 Jan, 2017 02:45 PM
मोहाली विधानसभा क्षेत्र के हलके डेराबस्सी के गांव जसताना कलां के घरों की दीवारों पर लगे एक नेता के पोस्टर को लोग फाड़कर फैंक रहे थे। कारण जगह-जगह गंदगी और बदबू मारती नालियां थीं
मोहालीः मोहाली विधानसभा क्षेत्र के हलके डेराबस्सी के गांव जसताना कलां के घरों की दीवारों पर लगे एक नेता के पोस्टर को लोग फाड़कर फैंक रहे थे। कारण जगह-जगह गंदगी और बदबू मारती नालियां थीं। बात करने पर लोगों का गुस्सा फूटा, बोले- उनके घरों के सामने बने बड़े से मैदान में दलदल और गंदगी भरी पड़ी है। सीवरेज का गंदा पानी भी इसी मैदान से निकलता है, बच्चे खेल नहीं पाते।
चुनाव आए तो थोड़ी सफाई करा भी दी गई, इससे पहले तमाम शिकायतें की लेकिन कुछ नहीं हुआ। हर बार चुनाव आते ही विकास के बड़े-बड़े वादे शुरू हो जाते हैं लेकिन काम नजर ही नहीं आता। गांव की सड़कों की हालत खस्ता है। मुबारकपुर सिंदड़ा, लालड़ू से हंदेसरा और लेहली से बनूड़ जाने वाली सड़कें खराब हैं। यही वजह है कि कमोबेश पूरे मोहाली में विकास का ही मुद्दा हावी है।
मोहाली जिले में तीन विधानसभा क्षेत्र खरड़, मोहाली और डेराबस्सी है। खरड़ और मोहाली में कांग्रेस, डेराबस्सी में अकाली-भाजपा का विधायक है। सभी पार्टियां विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही हैं। नए चेहरों पर भी दांव खेला जा रहा है। मोहाली से पूर्व डी.सी. तेजिंदर पाल सिंह सिद्धू को अकाली-भाजपा ने उतारा है, वहीं खरड़ में बिल्डर रणजीत सिंह गिल मैदान में हैं।
डेराबस्सी में अकाली-भाजपा ने पिछले विधायक एन.के. शर्मा पर ही भरोसा जताया है। कांग्रेस के दीपइंदर ढिल्लों कड़ी टक्कर दे रहे हैं। खरड़ में कांग्रेस ने विधायक जगमोहन सिंह कंग और मोहाली में बलबीर सिंह सिद्धू को दोबारा उतारा है। आप भी डटी है, डेराबस्सी से पूर्व मंत्री स्व. कैप्टन कंवलजीत की पत्नी सर्बजीत कौर, खरड़ से कंवर संधू और मोहाली से नरिंदर सिंह शेरगिल को मैदान में उतारा है।
चंडीगढ़ को मोहाली और पंचकूला के साथ मिलाकर ट्राईसिटी के रूप में देखा जाता है इसी वजह से सरकार मोहाली के विकास पर विशेष तवज्जो देती रही है। भले यहां के विधायक कांग्रेस पार्टी से जुड़े रहे लेकिन अकाली भाजपा सरकार मोहाली को वी.आई.पी. हलके के तौर पर ही विकसित करती रही है। राजनीति से लेकर अफसरशाही के तौर पर महत्वपूर्ण माने जाते मोहाली विधानसभा क्षेत्र में इस बार राजनेता और ब्यूरोक्रेट आमने-सामने हैं। यहां से पूर्व डी.सी. तेजिंदर पाल सिंह सिद्धू को अकाली-भाजपा ने अपना कैंडिडेट बनाया है। मुख्य मुकाबला अकाली-भाजपा और कांग्रेस में है। चंडीगढ़ और मोहाली के साथ सटे होने की वजह से खरड़ भी राजनीति से लेकर ब्यूरोक्रेसी तक काफी महत्वपूर्ण विधानसभा क्षेत्र माना जाता है। खरड़ पंजाब का ऐसा हलका है जो चुनावों की घोषणा होने के बाद से चर्चाओं में रहा है।