Edited By Updated: 31 Jan, 2017 05:15 PM
कांग्रेस में शामिल होने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने भाजपा के खिलाफ एक भी लफ्ज नहीं बोला लेकिन रोपड़ में चुनावी रैली दौरान पहली बार उनका मौन भंग हो गया। हांलकि अकाली दल और आम आदमी पार्टी के खिलाफ अकसर वे निशाने साधते रहे हैं।
नवांशहरः कांग्रेस में शामिल होने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने भाजपा के खिलाफ एक भी लफ्ज नहीं बोला लेकिन रोपड़ में चुनावी रैली दौरान पहली बार उनका मौन भंग हो गया। हांलकि अकाली दल और आम आदमी पार्टी के खिलाफ अकसर वे निशाने साधते रहे हैं।
इस मौके नोटबंदी से निराश सिद्धू ने भाजपा पर निशाना साधते कहा कहा उन्होंने अपने पैसे बैंकों से नहीं निकलने दिए जबकि जनता परेशान होती रही।
बादलों पर वार करते उन्होंने कहा कि राज्य नहीं सेवा का नारा देने वाली इस सरकार ने सिर्फ दस प्रतिशत सेवा और 90 प्रतिशत मेवा खाया है। यह चुनाव गरीब की रोटी की जंग है। उन्होंने कहा कि पंजाब के बारह हजार गांवों में बारह हजार ठेके हैं, इनकी आमदनी सिर्फ पांच हजार करोड़ है। जबकि तमिलनाडु में छह हजार ठेके हैं और आमदनी 32 हजार करोड़ है।
सिद्धू ने कहा कि दोनों सूबे के करों में अंतर का कारण बादल परिवार है क्योंकि इन्होंने ठेकों की कमाई से अपने घर भर लिए हैं। मजीठिया चिट्टे और रेत-बजरी से कमाई कर घर भर गया है। अगर इन सबका हिसाब लगाया जाए तो दस वर्षों में बादलों ने चार करोड़ रुपये का कर एकत्र किया है। दस साल में बादलों की बसों की संख्या 50 से 650 हो गई है। ट्रांसपोर्ट कंपनियों की गिनती छह से 36 हो गई है। रोडवेज घाटे में जा रही है।