Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Aug, 2017 10:31 AM
केन्द्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ किसानों ने अब धरने-प्रदर्शन करने की जगह जेल भरो आंदोलन शुरू किया है। बेशक पुलिस की ओर से किसानों को गिरफ्तार न करने की जगह उनकी मांगों को सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया जा रहा है,..........
मोगा (ग्रोवर): केन्द्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ किसानों ने अब धरने-प्रदर्शन करने की जगह जेल भरो आंदोलन शुरू किया है। बेशक पुलिस की ओर से किसानों को गिरफ्तार न करने की जगह उनकी मांगों को सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया जा रहा है, लेकिन किसान केन्द्र सरकार से मांग कर रहे हैं कि अगर वह किसानों का कर्जा माफ नहीं कर सकती तो उन्हें जेलों में बंद कर दिया जाए, ताकि आर्थिक तंगी से मजबूर किसान खुदकुशी करने के लिए बेबस न हों।
उक्त विचार पंजाब किसान संगठन की 4 जत्थेबंदियों द्वारा जिला प्रबंधकीय कॉम्पलैक्स के बाहर जेल भरो आंदोलन को लेकर दिए धरने व प्रदर्शन को संबोधित करते हुए किसान नेता निर्मल सिंह मानूके ने प्रकट किए। इस प्रदर्शन दौरान तहसीलदार के आश्वासन पर किसान जत्थेबंदियों ने प्रदर्शन कर जेल भरो आंदोलन को टाल दिया।
इस अवसर पर भारतीय किसान यूनियन कादियां तथा पगड़ी संभाल जट्टा लहर, भारतीय किसान यूनियन सिद्धपुर व दोआबा संघर्ष कमेटी के नेतृत्व की अगुवाई कर रहे निर्मल सिंह मानूके ने कहा कि गत 3 अगस्त को समूह पंजाब में डिप्टी कमिश्नरों को किसानों की समस्याओं के समाधान हेतु ज्ञापन सौंपे गए थे, लेकिन सरकार द्वारा उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया, जिसके रोषस्वरूप आज उन्हें धरना देने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
समूह किसान जत्थेबंदियों की मांग है कि केन्द्र सरकार किसानों को कर्ज मुक्त करे व राज्य में नई आई कैप्टन सरकार, जो लोगों को हर घर में नौकरी देने का विश्वास देकर आई है, अपने वायदों को पूरा करते हुए बेरोजगारों को रोजगार दे।