Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Oct, 2017 07:42 AM
आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन पंजाब सीटू की तरफ से पंजाब व केंद्र सरकार की रोजगार मारू नीतियों के खिलाफ मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के पटियाला शहर में प्रदेश प्रधान हरजीत कौर पंजोला और महासचिव सुभाष रानी के नेतृत्व में बस स्टैंड में रोष...
पटियाला (जोसन,बलजिन्द्र): आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन पंजाब सीटू की तरफ से पंजाब व केंद्र सरकार की रोजगार मारू नीतियों के खिलाफ मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के पटियाला शहर में प्रदेश प्रधान हरजीत कौर पंजोला और महासचिव सुभाष रानी के नेतृत्व में बस स्टैंड में रोष रैली करते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। हालांकि इनसे जुड़े वर्करों ने सी.एम. के महल की तरफ रोष मार्च भी करना था परंतु भारी पुलिस फोर्स ने इन वर्करों को आगे नहीं बढऩे दिया जिस कारण इन वर्करों ने यहीं पर पक्का धरना लगाने का ऐलान कर दिया। आज की इस रैली में पंजाब भर से लगभग 20 हजार आंगनबाड़ी वर्करों और हैल्परों ने हिस्सा लिया।
आल इंडिया फैडरेशन ऑफ आंगनबाड़ी वर्कर्ज एंड हैल्पर्ज के राष्ट्रीय प्रधान ऊषा रानी ने कहा कि सरकार पंजाब की हो या केंद्र की, दोनों ही जन विरोधी साबित हुई हैं। जिस दिन से केंद्र में मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार आई है तब से देश में धर्म निरपेक्षता और मजदूरों के अधिकारों का खात्मा हो रहा है। एक तरफ तो सरकार डिजीटल इंडिया मेकअप इंडिया का नारा देती है दूसरी तरफ कुपोषण की कतार में 100वां स्थान प्राप्त करती है। उन्होंने कहा कि पिछले 3 साल के कार्यकाल में मोदी सरकार ने महिला और बाल विकास के लिए चलाई संगठित बाल विकास सेवाओं स्कीम पर अपनी ‘गुप्त आरी’ चलाई हुई है।
लगातार स्कीम के बजट में कटौती कर देश के करोड़ों बच्चों, गर्भवती व दूध पिलाने वाली माताओं की सेहत संभाल तथा बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास को अनदेखा किया जा रहा है। केंद्र सरकार भ्रष्टाचार रोकने के नाम पर डायरैक्ट बैनीफीशियरी कैश ट्रांसफर (डी.बी.टी.) या डिब्बा बंद भोजन जैसी स्कीमों के आई.सी.डी.एस. को खत्म करने जा रही है।
हमारी पंजाब की कैप्टन सरकार घर-घर रोजगार देने का वायदे करती है और दूसरी तरफ प्राथमिक स्कूलों में नर्सरी कक्षा शुरू कर 64000 महिलाओं के ‘मुंह का निवाला’ छीन रही है। शिक्षा सचिव का बयान है कि प्री-नर्सरी क्लासें आंगनबाड़ी वर्कर और अध्यापक मिल कर प्राथमिक स्कूलों में चलाएंगे जो बिल्कुल भी योजनाबद्ध नहीं है। यदि सरकार ने मांगों का जल्द निपटारा न किया तो संघर्ष और तीखा किया जाएगा।