Edited By Updated: 24 Feb, 2017 01:09 PM
ठेके पर काम करने वाले मुलाजिम सरकार की तरफ से किए गए धोखे के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं
जालंधर (अमित): ठेके पर काम करने वाले मुलाजिम सरकार की तरफ से किए गए धोखे के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं, मगर सरकारी तंत्र बिल्कुल चुप बैठा है। इस बेरुखी के कारण गुरुवार को ठेका मुलाजिम एक्शन कमेटी के बैनर तले डी.सी. दफ्तर के सामने मुलाजिमों ने पीपे खड़काकर सोए हुए सरकारी तंत्र को जगाने के लिए प्रदर्शन किया।
मुलाजिमों की तरफ से अपनी सेवाएं रैगुलर करवाने के लिए चंडीगढ़ में 13 फरवरी से क्रमवार भूख-हड़ताल जारी है। अपने रोष-प्रदर्शन को आगे बढ़ाते हुए मुलाजिमों ने गुरुवार को डी.सी. दफ्तर के सामने प्रदेश सरकार की अर्थी फूंकी और डी.सी. के माध्यम से अपनी मांगें चीफ सैक्रेटरी के पास पहुंचाने के उद्देश्य से एस.डी.एम. जालंधर-1 राजीव वर्मा के पास एक मांगपत्र सौंपा।
ठेका मुलाजिम एसो. के आह्वान पर अलग-अलग एसो. के मुलाजिम डी.सी. दफ्तर के बाहर इकट्ठा हुए और अलग-अलग प्रतिनिधियों ने उपस्थिति को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों के दौरान सरकार ने मुलाजिमों को धोखे से नौकरी से निकाला है, जिसका जीता-जागता उदाहरण सुविधा सैंटर कर्मचारी हैं, जिनको 12 साल काम करने के बाद रैगुलर करने की जगह नौकरी से निकाल दिया गया। इस दौरान आशीष जुलाहा, गगनदीप शर्मा, सवरण सिंह, रमेश कुमार आदि ने कहा कि सरकार जान-बूझ कर मुलाजिमों की मांगों को टालमटोल कर रही है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा पत्र जारी करने के बावजूद चीफ सैक्रेटरी मुलाजिमों की मांगों की तरफ ध्यान नहीं दे रहे। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार किसी अनहोनी का इंतजार कर रही है।