Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Feb, 2018 02:17 PM
Powerwork shocks , Talwandi Sabo, power project
चंडीगढ़ (शर्मा): पंजाब स्टेट इलैक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन ने पंजाब पावरकाम को झटका देते हुए इसकी तरफ से तलवंडी साबो पॉवर प्रोजैक्ट के साथ चल रहे विवाद को लेकर कमीशन की तरफ से गठित तीन सदस्यीय आर्बिट्रेशन पैनल में से एक मैंबर की नियुक्ति रद्द करने की मांग को नकार दिया है।
कमीशन की चेयरपर्सन कुसुमजीत कौर सिद्धू और मैंबर एस.एस. सरना की सांझी बैठक की तरफ से सुनाए गए फैसले मुताबिक पंजाब पावरकाम और तलवंडी साबो शक्ति प्रोजैक्ट के बीच चल रहे विवाद कारण कमीशन ने दिसंबर 2015 में मद्रास हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस ई. पदमनाभन की अध्यक्षता में आर्बिट्रेशन पैनल का गठन किया था।
पावरकाम ने कमीशन के पास दायर पटीशन में खान की इस पैनल में नियुक्ति को रद्द करने की मांग की थी क्योंकि खान ने इससे पहले पावरकाम के साथ विवाद में तलवंडी साबो प्रोजैक्ट मैनेजमैंट को लिखित में सलाह दी थी, जिस कारण पैनल में खान की नियुक्ति 'हितों में टकराव' के घेरे में आती है। पावरकाम की तरफ से यह भी दलील दी गई कि क्योंकि उसने पैनल के कार्यकाल में वृद्धि को लेकर सहमति नहीं जताई है। इसलिए इसकी योग्यता मानने योग्य नहीं होनी चाहिए। हालांकि प्रोजैक्ट मैनेजमेंट ने अपनी दलील में कहा कि एक बार सलाह के लिए गई है न तो वह कंपनी के रेगुलर सलाहकार हैं और न ही पेरोल पर हैं।
कमीशन ने दोनों पक्षों की दलीलों तथा सबूतों के आधार पर पाया कि 17 दिसंबर 2015 में पैनल का गठन किया गया था। पैनल ने पहली सुनवाई 19 जनवरी 2016 को की, जिस में दोनों पक्षों ने लिखित में पैनल के गठन पर सहमति जताई। कमीशन ने अपने आदेश में कहा कि दिसंबर 2015 में आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल गठित करने के फैसले के विरुद्ध प्रभावित पक्ष 15 दिनों अंदर कमीशन के सामने या तो रिविऊ पटीशन दायर कर सकता था या ऐपीलियट ट्रिब्यूनल के सामने अपील दायर कर सकता था परन्तु ऐसा नहीं किया गया और ऐसा करने की समय सीमा भी बहुत पहले खत्म हो चुकी है। ट्रिब्यूनल की पहली बैठक दौरान भी शिकायतकर्ता पक्ष की तरफ से ट्रिब्यूनल के गठन पर लिखित में सहमति जताई थी। इसलिए खान की नियुक्ति रद्द करने की मांग सही नहीं है।