Edited By Vaneet,Updated: 04 Mar, 2020 07:52 PM
कांग्रेस विधायक परगट सिंह ने बुधवार को विधानसभा में अपनी ही पार्टी की सरकार को दोषपूर्ण ....
चंडीगढ़: कांग्रेस विधायक परगट सिंह ने बुधवार को विधानसभा में अपनी ही पार्टी की सरकार को दोषपूर्ण बिजली खरीद समझौते तथा धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के मामले में आड़े हाथों लिया।पंजाब के जालंधर छावनी से विधायक परगट सिंह ने दोषपूर्ण बिजली खरीद समझौते के जिम्मेदार लोगों की पहचान करने के लिए सदन की एक समिति गठित किए जाने की मांग की। इससे पहले वह राज्य की कांग्रेस सरकार के प्रदर्शन पर भी सवाल उठा चुके हैं। प्रदेश में 2015 में हुए धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के मामलों में सरकार को आड़े हाथों लेते हुए विधायक ने कहा कि इस मामले में अब तक कोई आरोप तय नहीं किए गए हैं।
बिजली खरीद समझौते के बारे में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को सदन को बताया कि पिछली अकाली-भाजपा के शासन में किए गए इस समझौते पर राज्य सरकार जल्दी ही विधानसभा में श्वेत पत्र लाएगी। बजट सत्र के आखिरी दिन शून्य काल के दौरान बुधवार को विधायक ने विधानसभा अध्यक्ष से बिजली खरीद समझौते में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए सदन की समिति गठित करने का आग्रह किया, चाहे वे सत्ता पक्ष से हो अथवा विपक्ष से।
शिरोमणि अकाली दल की आलोचना करते हुए परगट सिंह ने कहा कि उन लोगों ने यह बिजली खरीद के समझौते पर हस्ताक्षर किया था और अब वे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो से जांच कराने की मांग कर रहे हैं। धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी का मुद्दा उठाते हुए, इस मामले में अब तक आरोप तय नहीं किए जाने से सिंह ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा, ‘‘बेअदबी मामले को पांच साल बीत जाने के बावजूद अब तक आरोप तय नहीं किए गए हैं।