Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Jul, 2017 01:48 PM
पंजाब के सरहदी हलके फिरोजपुर स्थित हुसैनीवाला बांध से रिसने कारण सतलुज का तकरीबन 400 क्यूसिक पानी पाकिस्तान को जा रहा है।
चंडीगढ़ः पंजाब के सरहदी हलके फिरोजपुर स्थित हुसैनीवाला बांध से रिसने कारण सतलुज का तकरीबन 400 क्यूसिक पानी पाकिस्तान को जा रहा है। सिंधु जल समझौते के अंतर्गत सतलुज के इस पानी पर कानूनी भारत का अधिकार बनता है। सूत्रों अनुसार हुसैनीवाला बांध से रिस रहे सतलुज के इस पानी के साथ 70 हजार एकड़ जमीन सींची जा सकती है और फसल उत्पादन और सम्बन्धित कारोबारी कार्रवाईयों के हिसाब से भारत को इस पानी से सालाना 250 -300 करोड़ रुपए भी वित्तीय मदद भी मिल सकती है।
1960 में पाकिस्तान के साथ हुए समझौते अनुसार पश्चिमी हिमालय से बहते दरिया सतलुज, ब्यास और रावी के पानियों के पाकिस्तान में दाखिल होने से पहले सारा कंट्रोल भारत का है।
हुसैनीवाला बांध से पानी रिसने और इसकी मुरम्मत बारे रिपोर्ट इस साल तैयार करके जल संसाधन मंत्रालय को भेजी गई थी और इसके साथ ही इसी तरह की समस्या का सामना कर रहे हरीके बांध बारे रिपोर्ट भी भेजी गई है। हुसैनीवाला और हरीके हैड -वर्कस की संभाल के लिए जिम्मेदार पंजाब के सिंचाई विभाग ने इनके फाटकों की मुरम्मत के लिए 55 करोड़ रुपए की योजना तैयार की है। इससे पहले हुसैनीवाला बांध की मुरम्मत कई वर्ष पहले की गई थी।
एक अफसर ने बताया कि अब हरीके बांध से नाम -मात्र पानी ही रिस रहा है। उन्होंने कहा कि वह हुसैनीवाला बांध की मुरम्मत करके पाकिस्तान को जा रहे पानी को रोकेंगे और अतिरिक्त पानी राजस्थान को दिया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि हुसैनीवाला में कीचड़ की समस्या भी है जिस कारण यहां पानी कम संचित होता है।
हुसैनीवाला बांध की मुरम्मत के लिए कृषि और ग्रामीण विकास के लिए राष्ट्रीय बैंक की तरफ से फंड दिए जाएंगे। इस प्राजैकट के लिए टैंडर अभी होने हैं। हरीके बांध की मुरम्मत के लिए फंड राजस्थान सरकार की तरफ से दिए गए हैं, क्योंकि इस बांध के पानी का मुख्य लाभ राजस्थान को मिल रहा है।