साल भर में 95 लाख शराब की बोतलें डकार जाते हैं पियक्कड़

Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Dec, 2017 07:51 AM

over 95 lakh bottles of alcohol are shattered throughout the year

भले ही शराब के ठेके से खरीदी जाने वाली हर एक बोतल पर चेतावनी स्वरूप लिखा होता है कि शराब पीना सेहत के लिए हानिकारक है परन्तु इसके बावजूद लोग अपनी जिंदगी की परवाह नहीं करते और कड़वे जहर के घूंट भर-भर कर पीते हैं।

मंडी लक्खेवाली/श्री मुक्तसर साहिब (सुखपाल): भले ही शराब के ठेके से खरीदी जाने वाली हर एक बोतल पर चेतावनी स्वरूप लिखा होता है कि शराब पीना सेहत के लिए हानिकारक है परन्तु इसके बावजूद लोग अपनी जिंदगी की परवाह नहीं करते और कड़वे जहर के घूंट भर-भर कर पीते हैं। शराब के सेवन से कइयों का शरीर कांप रहा है और कइयों की शक्लें डरावनी बन गई हैं।कई लोग शराब पीने को शगुन समझते हैं परन्तु अपने पारिवारिक सदस्यों का उनको बिल्कुल ख्याल नहीं है। शराब पंजाब की जवानी को खा गई है। अनेकों घर बर्बाद हो गए हैं।

शराबियों की माताएं और पत्नियां दरबदर हो रही हैं और उनके बच्चों का भविष्य तबाह हो गया है।जिला श्री मुक्तसर साहिब में पंजाब केसरी द्वारा पड़ताल कर यह रिपोर्ट तैयार की गई है, जिस दौरान जो आंकड़े शराब बारे सामने आए हैं, वे बड़े हैरानीजनक हैं, क्योंकि एक तरफ आॢथक मंदहाली की बातें चल रही हैं जिसके तहत किसान, मजदूर और व्यापारी वर्ग आदि आत्महत्याएं कर रहा है जबकि दूसरी तरफ श्री मुक्तसर साहिब के निवासी हर साल अरबों रुपए की शराब पी जाते हैं। जानकारी के अनुसार शराब पीने वालों में जहां अनपढ़ वर्ग शामिल है, वहीं पढ़ा-लिखा वर्ग, जिसने अच्छे समाज की सृजना करनी होती है, भी शामिल है।

जिले भर में 282 शराब के ठेके
सहायक आबकारी और कर कमिश्नर लाजपाल सिंह जाखड़ ने बताया कि जिले में शराब के ठेकों की कुल संख्या 282 है। इनमें से 230 ठेके देसी शराब के हैं, जबकि 52 ठेके अंग्रेजी शराब के हैं। जिक्रयोग्य है कि जिले में गांवों की संख्या 241 है और आबादी लगभग 9 लाख है।

देसी और अंग्रेजी शराब का कोटा
जिले भर में देसी और अंग्रेजी शराब का कोटा 1 साल के लिए 95,86,308 बोतलों का है। इनमें से 87,83,424 बोतलें देसी शराब  की हैं, जबकि 8,02,884 बोतलें अंग्रेजी शराब की हैं। अंग्रेजी शराब ब्लैक लेबल 4 हजार रुपए की और ब्लैक डॉग 2200 रुपए की मिलती है। यह कोटा साल 2017-18 का है और 31 मार्च, 2018 को खत्म हो जाना है। जानकारी के अनुसार 2016-17 दौरान तो मुक्तसरिए सवा करोड़ शराब की बोतलें डकार गए थे। ये आंकड़े आबकारी और कर विभाग के हैं।

बात तलाक तक जा पहुंचती है
पुलिस थानों, वूमैन सैल और पंचायतों आदि से प्राप्त जानकारी के अनुसार शराब ने कई घर तोड़ दिए हैं। शराबी व्यक्ति घर में शोर-शराबा डालते हैं। अपनी पत्नियों, बच्चों और माता-पिता के साथ लड़ाई-झगड़ा करते हैं। जबरन पैसे मांगते हैं, जिस कारण कई घरों की गाड़ी पटरी से उतर जाती है और बात तलाक तक जा पहुंचती है।

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