Edited By Sonia Goswami,Updated: 26 May, 2018 04:25 PM
पंजाब सरकार द्वारा स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू तथा बेटे कर्ण सिद्धू को असिस्टेंट एडवोकेट जनरल बनाए जानें के बाद पंजाब में राजनीति गरमा गई जिसके बाद दोनों ने पद लेने से मना कर दिया।
चंडीगढ़(सोनिया): पंजाब सरकार द्वारा स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू तथा बेटे कर्ण सिद्धू को असिस्टेंट एडवोकेट जनरल बनाए जानें के बाद पंजाब में राजनीति गरमा गई जिसके बाद दोनों ने पद लेने से मना कर दिया। इसकी जानकारी नवजोत सिद्धू ने प्रैसवार्ता कर दी। उन्होंने कहा कि सीएम अमरेंद्र सिंह ने मेरे परिवार को मौका दिया उसके लिए मैं उनका आभारी हूं। सिद्धू ने कहा कि मेरे बेटे को असिस्टेंट एडिशनल एडवोकेट जनरल का पद नहीं चाहिए, मेरी पत्नी ने भी कहा कि वो पंजाब वेयर हाउस निगम की चेयरपर्सन का पद नहीं चाहती। सिद्धू ने कहा कि वह कोई जमींदार नहीं हैं। उनके परिवार के सभी लोग पेशेवर हैं इसलिए ही उनके पुत्र ने यह पेशकश स्वीकार करने का फैसला लिया था। उन्होंने कहा राजनीति में विश्वसनीयता बड़ी चीज है इसलिए उनके पुत्र ने अब यह नौकरी स्वीकार नहीं करने का फैसला लिया है ।
वहीं पद ठुकराने की बात पर सीएम कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने कहा कि काबलियत के आधार पर दोनों को पद दिए गए थे। कर्ण को पद मिलने की खबर सुनते ही विपक्ष के साथ-साथ लोगों ने भी इस बात का काफी विरोध जताया। इतना ही नहीं मैडम सिद्धू की फेसबुक पोस्ट पर लोगों ने जमकर भड़ास निकाली जिसके जवाब मैडम सिद्धू ने बाखूबी दिए। इन सभी बातों का नतीजा ये निकला कि दोनों ने पद संभालने से इंकार कर दिया।
स्मरण रहे कभी नवजोत सिंह सिद्धू के कांग्रेस में शामिल होने का विरोध करने वाले कैप्टन अमरेंद्र सिंह खासे मेहरबान नजर आए। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन सिंह ने पिछले करीब एक महीने में सिद्धू को दो बड़े तोहफे दिए हैं। उनकी पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू को वेयरहाउस का चेयरपर्सन बनाने के बाद कैप्टन सरकार ने अब सिद्धू के बेटे कर्ण सिद्धू को असिस्टेंट एडवोकेट जनरल बनाया गया है। इस नियुक्ति पर पंजाब में राजनीति गरमा गई है। भाजपा ने इस नियुक्ति को लेकर कैप्टन सरकार व सिद्धू पर निशाना साधा जिसके बाद दोनों मां-बेटे ने ये पद ठुकरा दिए।