Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Sep, 2017 02:15 PM
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के शाही शहर में बी. एंड आर. और नगर निगम की आपसी लड़ाई के कारण राष्ट्रीय ध्वज ही गायब हो गया है।
पटियाला (जोसन): पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के शाही शहर में बी. एंड आर. और नगर निगम की आपसी लड़ाई के कारण राष्ट्रीय ध्वज ही गायब हो गया है।
राष्ट्रीय ध्वज की हुई इस बेअदबी ने पटियालवियों के दिल को झकझोर कर रख दिया है। पटियाला के दिल के तौर पर जाने जाते स्थानीय माल रोड पर स्थित महात्मा गांधी जी की प्रतिमा के पास 2 साल पहले यह राष्ट्रीय ध्वज 15 लाख रुपए की लागत से 125 फुट ऊंचा लगाया गया था और इसके उद्घाटन समय शानदार समागम कर नेताओं और अधिकारियों ने कहा था कि राष्ट्रीय ध्वज के स्थापित होने से शाही शहर का मान और ऊंचा हो गया है और यह लहराता तिरंगा झंडा अब दूर-दूर से नजर आएगा।
अकेले तिरंगे झंडे की कीमत ही लगभग 30,000 रुपए
अकेले तिरंगे झंडे की कीमत ही लगभग 30,000 रुपए है। इस तिरंगे झंडे पर हमेशा शानदार लाइटें पड़ती थीं जिससे रात को यह अलग ही नजारा पेश करता था। अब पिछले 2 महीनों से इस जगह पर सिर्फ 125 फुट ऊंचा पोल तो नजर आता है परन्तु इस पर तिरंगा झंडा नहीं है और न ही लाइटें काम कर रही हैं।
जिम्मेदार अधिकारियों को सजा भी दी जानी चाहिए
संदीप बंधु ने कहा कि देश की आजादी के दिन 15 अगस्त को यह पोल बिना तिरंगे झंडे के रहा। इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को सजा भी दी जानी चाहिए। यदि एक हफ्ते के भीतर इस पोल पर तिरंगा झंडा नहीं लगाया गया तो सड़कों पर उतर कर नगर निगम पटियाला के खिलाफ संघर्ष शुरू किया जाएगा।
टैक्स का पैसा बर्बाद क्यों किया
संदीप बंधु ने कहा कि पिछले 2 महीनों पहले इस पोल पर लगा तिरंगा झंडा फट गया था परन्तु उसके बाद दोबारा नगर निगम ने यहां नया तिरंगा झंडा नहीं लगाया। नगर निगम पटियाला ने बार-बार शिकायत करने के बावजूद भी इस पोल पर तिरंगा झंडा लगाने के लिए ध्यान नहीं दिया। जब इस पर तिरंगा झंडा लगाना ही नहीं तो फिर यह पोल बनवा कर हमारे टैक्स का पैसा बर्बाद क्यों किया गया।
तिरंगा झंडा न होने से शहरवासी निराशा के आलम में
समाज सेवक संदीप बंधु ने कहा कि लाखों रुपए खर्च कर बी. एंड आर. और नगर निगम पटियाला की तरफ से राजिन्द्रा झील पर महात्मा गांधी जी की प्रतिमा के पास हमारे देश की आन-बान-शान तिरंगा झंडा न होना शहर वासियों को निराशा के आलम में डाल रहा है। इसके साथ ही पटियाला शहर की खूबसूरती खराब हो रही है। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी लापरवाही तो नगर निगम पटियाला की यह रही कि हमारे देश की आजादी के सबसे बड़े दिन 15 अगस्त को भी इस पोल पर तिरंगा झंडा नहीं लगाया गया और खाली खड़ा यह पोल मुंह चिढ़ा रहा है।