Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Jun, 2017 12:56 PM
शामचौरासी के निकटवर्ती गांव काणे निवासी सी.आई.एस.एफ. के सेवानिवृत्त ए.एस.आई. मदन लाल के अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने में पुलिस ने
होशियारपुर (अश्विनी): शामचौरासी के निकटवर्ती गांव काणे निवासी सी.आई.एस.एफ. के सेवानिवृत्त ए.एस.आई. मदन लाल के अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने में पुलिस ने सफलता प्राप्त करके मृतक के लड़के दीपक उर्फ राजू, एक अन्य आरोपी सुखदीप सिंह को हत्या के आरोप में धारा 302 व मदन लाल की पत्नी निर्मल कौर को साजिश रचने के आरोप में धारा 120बी के अधीन गिरफ्तार कर लिया है।
अज्ञात लोगों के विरुद्ध थाना में केस दर्ज
एस.एस.पी. हरचरन सिंह भुल्लर ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि 15 जून को शामचौरासी-पंडोरी फंगूडिय़ां सम्पर्क मार्ग पर मदन लाल की तेजधार हथियारों से हत्या करके शव सड़क पर फैंका गया था। मृतक की पत्नी निर्मल कौर की शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात लोगों के विरुद्ध थाना बुल्लोवाल में केस दर्ज किया था। अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने के लिए उन्होंने एस.पी. मुख्यालय-कम-इन्वैस्टीगेशन अमरीक सिंह पंवार के नेतृत्व में डी.एस.पी. स्पैशल ब्रांच हरजिन्द्र सिंह, बुल्लोवाल के थाना प्रभारी सुखविन्द्र सिंह व सी.आई.ए. स्टाफ के प्रभारी सतनाम सिंह पर आधारित स्पैशल इन्वैस्टीगेशन टीम एस.आई.टी. का गठन किया था। एस.एस.पी. ने बताया कि जांच के दौरान यह बात सामने आई कि मदन लाल सी.आई.एस.एफ. से रिटायर होने के बाद अपने गांव आकर डिप्रैशन में रहता था। वह घर में अपनी पत्नी निर्मल कौर व लड़की को मारपीट करके अक्सर उन्हें घर से बाहर कर देता था। निर्मल कौर इस संबंध में अपने लड़के दीपक उर्फ राजू व प्रिंसप्रीत सिंह, जो कुवैत में रहते हैं, को फोन पर बताती रहती थी।
दोनों लड़कों व पत्नी ने रची थी साजिश
एस.एस.पी. ने बताया कि जांच दौरान यह बात सामने आई कि निर्मल कौर व दोनों लड़कों दीपक उर्फ राजू व प्रिंसप्रीत ने आए दिन का क्लेश खत्म करने के लिए मदन लाल की हत्या की योजना बनाई। योजना के अनुसार दीपक उर्फ राजू 9 जून को कुवैत से गांव वापस आया व प्रिंसप्रीत ने कुवैत से डेढ़ लाख रुपए की राशि दीपक उर्फ राजू को भेजी। दीपक ने 2 अन्य लोगों सुखदीप सिंह पुत्र सतपाल सिंह निवासी अहिराणा खुर्द थाना मेहटियाना व रछपाल सिंह पुत्र मोहन लाल निवासी अहिराणा कलां के साथ मिलकर अपने पिता मदन लाल का कत्ल करने की योजना बनाई। इसके लिए उसने डेढ़ लाख रुपए की सुपारी दोनों को दी। 15 जून को दीपक उर्फ राजू ने अपने पिता मदन लाल को फोन पर कहा कि उसकी गाड़ी खराब हो गई है व उसे वारदात वाली जगह पर बुलाया। मदन लाल जब अपने बाइक पर राजू के बताए स्थान पर पहुंचा तो सुखदीप सिंह, रछपाल सिंह व राजू ने मिलकर मदन लाल की हत्या कर दी व उसके शव को वहीं फैंक कर अपने घरों को चले गए थे।