Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Oct, 2017 04:35 PM
गुरदासपुर लोकसभा चुनाव में रिकार्डतोड़ जीत मिलने से उत्साहित कांग्रेस ने जल्द नगर निगम चुनाव करवाने की रूपरेखा तो तैयार करनी शुरू कर दी है लेकिन यह चुनाव हिमाचल से पहले या बाद में करवाने को लेकर असमंजस का माहौल बना हुआ है। इसे लेकर फैसला लेने के लिए...
लुधियाना(हितेश): गुरदासपुर लोकसभा चुनाव में रिकार्डतोड़ जीत मिलने से उत्साहित कांग्रेस ने जल्द नगर निगम चुनाव करवाने की रूपरेखा तो तैयार करनी शुरू कर दी है लेकिन यह चुनाव हिमाचल से पहले या बाद में करवाने को लेकर असमंजस का माहौल बना हुआ है। इसे लेकर फैसला लेने के लिए मामला हाईकमान के पास पहुंच चुका है।
पंजाब की बड़ी नगर निगमों लुधियाना, जालंधर, अमृतसर व पटियाला का कार्यकाल सितम्बर में पूरा हो चुका है जबकि कांग्रेस सरकार ने उससे पहले चुनाव नहीं करवाए। हालांकि जनरल हाऊस का कार्यकाल खत्म होने के 6 महीने के भीतर चुनाव करवाने जरूरी हैं लेकिन कांग्रेस सरकार ने नए सिरे से वार्डबंदी का काम ही सितम्बर में शुरू किया। इसके चलते चुनाव की डैडलाइन एक के बाद एक करके पैंङ्क्षडग की जा रही है। अब गुरदासपुर चुनावों में मिली जीत ने कांग्रेस में जोश भर दिया है तथा निगम चुनाव करवाने को लेकर सरकार जल्दबाजी में नजर आ रही है। यहां तक कि पिछले दिनों सी.एम. के साथ मंत्रियों व निगम चुनावों से संबंधित जिलों के विधायकों की मीटिंग में इस बारे में चर्चा भी हुई।
लेकिन यह असमंजस अभी भी कायम है कि हिमाचल से पहले या बाद में नगर निगम चुनाव करवाए जाएं। क्योंकि कैप्टन व हिमाचल के सी.एम. वीरभद्र सिंह के बीच करीबी रिश्तेदारी है। इस कारण कैप्टन को हिमाचल में प्रचार के लिए जाना पड़ेगा और पंजाब के दूसरे नेताओं की भी वहां ड्यूटी लगेगी। इससे पंजाब के निगम चुनावों का काम भी प्रभावित होगा और जो हिमाचल के बाद निगम चुनाव करवाने का मुद्दा है, उसे लेकर यह डर सता रहा है कि अगर हिमाचल में नुक्सान हो गया तो उसका असर पंजाब के निगम चुनावों पर पड़ सकता है।