Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Jul, 2017 01:33 AM
पार्टी में फूट व टूटन के डर से मुख्यमंत्री ऑफिस तुरंत हरकत में आ गया ....
जालंधर(रविंद्र शर्मा): पार्टी में फूट व टूटन के डर से मुख्यमंत्री ऑफिस तुरंत हरकत में आ गया है। एक तरफ जहां सोमवार को नाराज विधायकों को संतुष्ट करने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रत्येक बुधवार उनकी बात चंडीगढ़ ऑफिस में सुनने को कहा था। वहीं, अब भविष्य में रूठे पार्टी पदाधिकारियों व वर्करों को दोबारा ट्रैक पर लाने के लिए उनके साथ संपर्क की योजना भी बनाई जा रही है।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने प्रदेश कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ को जहां सभी जिला प्रधानों समेत प्रदेश के पदाधिकारियों के साथ संपर्क बढ़ाने को कहा है, वहीं वह खुद भी महीने में एक बार पदाधिकारियों के साथ रू-ब-रू होने का प्लान बना रहे हैं। इससे जहां संगठन व सरकार के बीच तालमेल बेहतर होगा, वहीं आने वाले नगर निगम चुनावों पर भी पार्टी मिलकर फोकस कर सकेगी। गौर रहे कि जब से प्रदेश में बतौर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने कार्यभार संभाला है, तब से ही न तो विधायकों की मुख्यमंत्री दरबार में कोई सुनवाई हो रही थी और न ही जिला प्रधानों व प्रदेश कमेटी के पदाधिकारियों की ही कोई बात सुनी जा रही थी।
पंजाब केसरी में विधायकों के कैप्टन की कार्यप्रणाली से नाराज होने की खबर छपने के बाद मुख्यमंत्री ऑफिस सोमवार को हरकत में आया था और ये आदेश जारी किए गए थे कि अब प्रत्येक बुधवार को मुख्यमंत्री खुद विधायकों से रू-ब-रू होंगे और उनकी हर बात व समस्या को सुनेंगे। इसके अलावा मुख्यमंत्री ऑफिस से चीफ प्रिंसीपल सैक्रेटरी, चीफ सैक्रेटरी, डिप्टी चीफ सैक्रेटरी समेत तमाम अधिकारियों को जिले अलॉट किए गए थे, ताकि वे इन इलाकों के विधायकों के संपर्क में रहें और किसी का कोई काम न रुके। विधायकों की संतुष्टि के बाद अब मुख्यमंत्री ऑफिस संगठन के साथ बेहतर तालमेल बिठाने के लिए जिला प्रधानों व प्रदेश पदाधिकारियों के साथ भी संपर्क साधने जा रहा है।
योजना बनाई जा रही है कि विधायकों के अलावा महीने में एक बार मुख्यमंत्री खुद प्रदेश पदाधिकारियों से मिलेंगे और संगठन की मजबूती के लिए बात करेंगे। इससे आने वाले नगर निगम चुनावों में नए तरीके से पार्टी को रणनीति बनाने का मौका मिलेगा। इसके अलावा मुख्यमंत्री ऑफिस ने जहां रुके हुए विकास कार्यों की लिस्ट तलब की है, वहीं वित्त मंत्रालय को भी निर्देश जारी किए हैं कि वह रुके हुए विकास कार्यों की जल्द दोबारा समीक्षा करे और तुरंत फंड रिलीज किए जाएं, ताकि जनता के बीच बिगड़ रही छवि को सुधारा जा सके।