Edited By Anjna,Updated: 29 May, 2018 07:53 AM
शहर और आसपास के इलाके से संदिग्ध हालातों में वर्ष 2013 और इसके बाद लापता हुए करीब एक दर्जन बच्चों का 4 वर्षों बाद भी पुलिस की विशेष जांच टीम और सी.बी.आई. कोई सुराग नहीं लगा सकी।
फरीदकोट (हाली): शहर और आसपास के इलाके से संदिग्ध हालातों में वर्ष 2013 और इसके बाद लापता हुए करीब एक दर्जन बच्चों का 4 वर्षों बाद भी पुलिस की विशेष जांच टीम और सी.बी.आई. कोई सुराग नहीं लगा सकी।
दूसरी तरफ इस कांड के 4 वर्ष पूरे होने पर अगवा हुए बच्चों के वारिसों ने प्रैस कान्फ्रैं स कर आरोप लगाया कि सुरक्षा एजैंसियां लम्बे समय बाद भी उनको इंसाफ नहीं दे सकीं। फरवरी 2013 से लेकर मई 2014 तक फरीदकोट शहर और इसके आसपास के इलाके से कई बच्चे गायब हुए, जिनमें से अन्य का पता लग गया परन्तु एक दर्जन बच्चों बारे कोई सूचना नहीं मिल सकी। जानकारी अनुसार ए.टी.एम. में कैश डालने का काम करते मनोज कपूर को बस अड्डे के पास से अज्ञात व्यक्तियों ने अगवा कर लिया था।
सी.सी.टी.वी. कैमरों में कुछ शकी व्यक्तियों की फुटेज भी आई परंतु आज तक मनोज कपूर केस में पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली। इसी से निराश पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने मनोज कपूर अगवा कांड सी.बी.आई. के हवाले कर दिया था परंतु सी.बी.आई. को भी जांच दौरान अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है। इसी तरह यहां की बी.एस.एफ. कालोनी में से बी.एस.एफ. जवान रजिन्द्र कुमार शर्मा के लड़के आदर्श कुमार (14) और हॢषत कुमार (17) अति सुरक्षा वाले इलाके से संदिग्ध हालात में गुम हो गए थे। इनका भी अभी तक कोई सुराग नहीं मिला। धरने-प्रदर्शनों के बाद पुलिस ने अगवा की घटनाओं संबंधी कुल 14 मुकद्दमे दर्ज किए थे। पुलिस को इनमें से किसी भी मुकद्दमे में सफलता नहीं मिली और न ही कोई अगवा हुआ बच्चा मिला है।
आदर्श कुमार की मां गीतिका शर्मा और मनोज कपूर की बहन नीतू कपूर ने कहा कि सुरक्षा एजैंसियों ने समय रहते इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया, जिस करके सभी अहम सबूत खत्म हो गए हैं। पंजाब पुलिस मुलाजिम लखविन्द्र सिंह का नौजवान बेटा गुरविन्द्र सिंह भी अगवा होने के बाद अभी तक नहीं मिला। जिला पुलिस अधिकारी डा. नानक सिंह ने कहा कि अगवा हुए बच्चों की तलाश के लिए पुलिस ने विशेष टीमें बनाकर 2 महीनों तक पंजाब, हरियाणा और हिमाचल राज्यों में बड़े स्तर पर इस कांड को हल करने की कोशिश की और पुलिस अभी भी मामले की जांच कर रही है।