Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Oct, 2017 10:10 AM
घर की आर्थिक हालत सुधारने के लिए परिवार द्वारा कर्जा उठाकर मलेशिया भेजा युवक काम न मिलने के कारण विदेश की धरती पर जहां अपना मानसिक संतुलन खो बैठा है, वहीं पुत्र को घर वापस लाने के लिए हो रहे खर्चे के कारण गरीब परिवार कर्ज के जंजाल में फंसता जा रहा...
मौड़ मंडी(प्रवीन): घर की आर्थिक हालत सुधारने के लिए परिवार द्वारा कर्जा उठाकर मलेशिया भेजा युवक काम न मिलने के कारण विदेश की धरती पर जहां अपना मानसिक संतुलन खो बैठा है, वहीं पुत्र को घर वापस लाने के लिए हो रहे खर्चे के कारण गरीब परिवार कर्ज के जंजाल में फंसता जा रहा है। ट्रैवल एजैंटों के धक्के का शिकार जगजीत सिंह के पिता सुखवंत सिंह गांव रामनगर जिला बठिंडा ने बातचीत करते हुए कहा कि उसके 3 लड़के और 3 लड़कियां हैं।
जबकि जगजीत सिंह परिवार में सब से छोटा है। जमीन कम होने के कारण अपने परिवार का खर्च चलाने के लिए वह कृषि के साथ-साथ मजदूरी भी करते हैं, परन्तु छोटा बेटा जगजीत सिंह परिवार को गरीबी की दलदल से बाहर निकालने के लिए ट्रैवल एजंैटों के धक्के का शिकार हो गया। उन्होंने बताया कि उसके बेटे ने रीमार ओवरसीज, जो अपने आप को रजि. एजैंट बताते हैं, जरिए मलेशिया जाने के लिए वीजा लगाया था जिस संबंधी उसका लगभग अढ़ाई लाख रुपए खर्च आ गया था और पैसे लेकर एजैंट ने हमें यह विश्वास दिलाया था आपके बेटे को वहां काम मिल जाएगा।
उसके 2-3 दिन उनकी फोन पर उसके साथ बातचीत होती रही परन्तु उसके बाद उसने बताया कि एजैंट ने उसके साथ धोखा किया है जिसकी शिकायत पुलिस को की जाए। उसने बताया कि 15 दिनों से जगजीत सिंह की उनसे कोई बात नहीं हुई। उन्होंने बताया कि उन्हें अधिक जानकारी नहीं है परन्तु फिर भी उन्होंने अपने बेटे को वापस लाने के लिए गांव के एक लड़के स्वर्ण सिंह को मलेशिया भेजा था परन्तु आज स्वर्ण सिंह भी खाली हाथ लौट रहा है क्योंकि वहां की सरकार ने उसको इस हालत में भेजने से इंकार कर दिया है। इस संबंधी जब ट्रैवल एजैंट दविंद्र सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि वह बिल्कुल साफ-सुथरा काम करते हैं। इस लड़के को भी वर्क परमिट पर ही भेजा गया था परन्तु कुदरती यह नौजवान मलेशिया जाकर बीमार हो गया और अपना दिमागी संतुलन खो बैठा है।