पंजाब में लंपी का कहर, सरकार ने केंद्र से की ये मांग

Edited By Vatika,Updated: 16 Aug, 2022 05:02 PM

lumpy wreaks havoc in punjab

पंजाब के पशु पालन, मछली पालन और डेयरी विकास मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने आज केंद्र सरकार से पशुओं में फैली लम्पी स्किन

चंडीगढ़: पंजाब के पशु पालन, मछली पालन और डेयरी विकास मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने आज केंद्र सरकार से पशुओं में फैली लम्पी स्किन बीमारी की प्रभावी तरीके से रोकथाम हेतु राज्य की 25 लाख से अधिक गायों के लिए गोट पॉक्स दवा की डोज़ का प्रबंध करने की ज़ोरदार मांग रखी।  पंजाब भवन में केंद्रीय मछली पालन, पशु पालन और डेयरी विकास मंत्री  पुरूषोत्तम रुपाला के साथ लम्पी स्किन बीमारी से बने हालात, सरकार द्वारा बचाव के लिए किए जा रहे कार्यों और दवा की उपलब्धता सम्बन्धी बातचीत करते हुए कैबिनेट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा बीती शाम तक गोट पॉक्स दवा की करीब 2.05 लाख डोज़ सेहतमंद पशुओं को लगाई जा चुकी हैं, जबकि पीडि़त पशुओं की निरंतर निगरानी रखी जा रही है और भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार उनको अलग रखने समेत अपेक्षित दवा और अन्य एहतियात सुनिश्चित बनाए जा रहे हैं।  

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि उन्होंने पिछले दिनों पंजाब के विभिन्न ज़िलों का दौरा करके दूध उत्पादकों की समस्याएँ सुनी। यह बीमारी ज़्यादातर गायों में फैल रही है और फ़ाज़िल्का, श्री मुक्तसर साहिब, फ़रीदकोट, फ़िरोज़पुर, बठिंडा, तरन तारन, जालंधर और अमृतसर ज़िले में इस सक्रमण की बीमारी से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं।  स. लालजीत सिंह भुल्लर ने कहा कि विभिन्न कंपनियों की दवाओं की कीमतों में बहुत अंतर होने के कारण ख़रीद कार्यों में समस्या आ रही है। इसलिए कीमतों को तर्कसंगत किया जाए और अपेक्षित मात्रा में डोज़ मुहैया करवाई जाए।  केंद्रीय मंत्री श्री पुरूषोत्तम रुपाला ने आश्वासन दिया कि दवाओं की कीमतें तर्कसंगत की जाएंगी और राज्य को अपेक्षित मात्रा में दवा की आपूर्ति सुनिश्चित बनाई जाएगी। श्री रुपाला ने निर्देश दिए कि राज्य में प्रभावित पशुओं के लिए एकांतवास वॉर्ड बनाऐ जाएँ, जिससे बीमारी को आगे बढ़ने से रोका जा सके।  

पंजाब सरकार द्वारा बीमारी की रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में प्रकाश डालते हुए विभाग के प्रमुख सचिव श्री विकास प्रताप ने बताया कि पंजाब में 25.31 लाख गाएँ और 40.15 लाख भैंसें हैं। बीमारी से अब तक 74,325 पशुओं के प्रभावित होने की आशंका है और 39,248 पशु स्वस्थ हुए हैं, जबकि राज्य में बीमारी से अब तक 3359 मौतें रिपोर्ट हुई हैं, परन्तु यह पुष्टि नहीं हुई है कि यह मौतें लम्पी स्किन से ही हुई हैं।  उन्होंने बताया कि पंजाब को अब तक तीन पड़ावों में वैक्सीन की लगभग 3.16 लाख डोज़ प्राप्त हो चुकी हैं, जो राज्य के सभी ज़िलों को भेजी जा चुकी हैं और अब तक 2,02,484 पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है।  प्रमुख सचिव ने बताया कि पंजाब, पशुओं की राष्ट्रीय आबादी में 1.31 प्रतिशत का योगदान देता है जबकि राज्य में दूध का उत्पादन राष्ट्रीय उत्पादन का 6.70 प्रतिशत होता है। इसलिए ज़रूरी है कि कृषि के इस सहायक पेशे की ओर विशेष रूप से ध्यान दिया जाए।  

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के दिशा-निर्देशों पर बीमारी से निपटने के लिए मंत्री समूह का गठन किया गया है जो स्थिति पर लगातार नज़र रख रहा है और बीमारी से निपटने के लिए ज़रुरी साज़ो-सामान और अन्य सहायता सुनिश्चित बना रहा है।  उन्होंने बताया कि पशु पालन विभाग की 673 टीकाकरण टीमों के अलावा बैचलर ऑफ़ वैटरनरी साइंस (बी.वी.एस.सी.) के अंतिम साल के विद्यार्थियों और इंटर्नज़ को भी टीकाकरण और जागरूकता अभियानों में शामिल किया गया है। यह टीमें राज्य में बीमारी के ईलाज और नियंत्रण के लिए भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की नियमित रूप से पालना को सुनिश्चित बना रही हैं, जिसमें प्रभावित पशुओं को अलग रखना, पशुओं और कृषि मज़दूरों के यातायात को नियंत्रित करना, पशु बाड़ों को कीटाणू-मुक्त करना शामिल है ताकि बीमारी के और अधिक फैलाव को रोका जा सके।  बैठक में अन्यों के अलावा डॉ. प्रवीन मलिक, पशु पालन आयुक्त, भारत सरकार और पंजाब पशु पालन विभाग के निदेशक डॉ. सुभाष गोयल उपस्थित थे।

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